राजस्थान में 12वीं की पोलिटकल साइंस की परीक्षा में कांग्रेस पार्टी से संबंधित आठ सवाल पूछे जाने पर विवाद हो गया है। बीजेपी ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है। ये अलग बात है कि केंद्र और कुछ राज्यों में बीजेपी सरकारें अपने हिसाब से शिक्षा में पाठ्यक्रम से लेकर तमाम चीजों में बदलाव कर रही हैं।बहरहाल, राजस्थान में जो हुआ वो भी कम आपत्तिजनक नहीं है। ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस की तारीफ में सवाल हद से ज्यादा बढ़ गए, क्योंकि उनमें से ज्यादातर कांग्रेस की उपलब्धियों से जुड़े थे।
यह पहली बार है कि राज्य बोर्ड परीक्षा में किसी सत्तारूढ़ दल पर इतने सवाल पूछे गए हैं। हालांकि, परीक्षा में अन्य प्रश्न सीपीआई और बहुजन समाज पार्टी से भी संबंधित थे।
1971 के आम चुनाव में कांग्रेस की बहाली के लिए चुनाव हुआ था। इसे समझाएं।
- गरीब हटाओ का नारा किसने दिया था?
- 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद कई अहम मुद्दों पर ज्यादातर पार्टियों में व्यापक सहमति बनी। उनमें से किन्हीं दो की संक्षेप में चर्चा कीजिए।
बीजेपी नाराजप्रश्न पत्र को लेकर राजस्थान कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए प्रदेश बीजेपी ने पूछा कि यह राजनीति विज्ञान का पेपर है या कांग्रेस के इतिहास का पेपर।
बीजेपी ने ट्विटर पर लिखा कि राजनीति विज्ञान के इस प्रश्न पत्र को देखकर, कई छात्रों को यह भी समझ नहीं आया कि परीक्षा राजनीति विज्ञान के बारे में थी या कांग्रेस के इतिहास की! शायद गहलोत जी ने अब कांग्रेस को माना है। इतिहास के हिस्से के रूप में।
इस बीच, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि राजनीतिक दलों से संबंधित प्रश्न अतीत में भी पूछे गए हैं। दूसरी ओर, इस मुद्दे पर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
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