जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा और वहाँ के नागरिकों को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब सारा ज़ोर जम्मू-कश्मीर ख़ासकर घाटी के लोगों का दिल जीतने में लगा रहे हैं। बहुमत के दम पर संसद के दोनों सदनों से प्रस्ताव तो पारित करा लिया है, लेकिन कश्मीरियों का दिल जीते बगैर इसे अमली जामा पहनाना मुश्किल होगा। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीरियों का दिल जीतने की बात राष्ट्र के नाम दिए संदेश से ही कर दी है।
पीएम ने वादे बहुत किए, पर क्या जीत पाएँगे कश्मीरियों का दिल?
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- 9 Aug, 2019

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी अब सारा ज़ोर कश्मीरियों का दिल जीतने में लगा रहे हैं। उन्होंने कई आश्वासन दिए और वादे किए, लेकिन क्या वह उनका दिल जीत पाएँगे?
अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फ़ैसले को जम्मू और लद्दाख में ज़बर्दस्त समर्थन मिला है। इस फ़ैसले के बाद जम्मू और लद्दाख दोनों ही जगहों से मिठाई बाँटकर ख़ुशी मनाने की तसवीरें सामने आई हैं। विरोध की आशंका सिर्फ़ कश्मीर घाटी में है। वहाँ अभी चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों के जवान तैनात हैं। हालाँकि गुरुवार को सुबह होते ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल ने शोपियाँ में स्थानीय नागरिकों के साथ सड़क किनारे खाना खाते हुए अपनी तसवीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कराकर यह संदेश देने की कोशिश की थी कि घाटी में सब ठीक-ठाक है। लेकिन इन तसवीरों के ज़रिए दिए गए संदेश की हवा तब निकल गई जब दिल्ली से श्रीनगर गए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद को श्रीनगर हवाई अड्डे से ही दिल्ली बैरंग लौटा दिया गया।