loader
सुषमा स्वराज के साथ प्रधानमंत्री मोदी (फ़ाइल फ़ोटो)

सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते वक़्त रो पड़े प्रधानमंत्री मोदी

सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देने  उनके घर पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफ़ी भावुक हो गए और श्रद्धांजलि देते समय वह रो पड़े। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुषमा स्वराज को उनके घर पर पहुँचकर श्रद्धांजलि दी। कुछ देर बाद ही पहुँचे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सुषमा के पार्थिव शरीर को शांत खड़े निहारते रहे। कांग्रेस नेता राहुला गाँधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गाँधी, गृह मंत्री अमित शाह ने भी श्रद्धांजलि दी। इससे पहले समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुँचे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, बीजेपी के कार्यकारी प्रमुख जेपी नड्डा सहित कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव सुषमा के पति स्वराज से मिलते वक़्त वह अपने आँसू नहीं रोक पाए।

बता दें कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ़ मेडिकल साइन्स यानी एम्स में अंतिम साँस ली। सुषमा काफ़ी दिनों से बीमार चल रही थीं। ख़बरों के मुताबिक़, हार्ट अटैक आने के बाद सुषमा को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने बताया कि बुधवार सुबह 11 बजे उनका शव पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय लाया जाएगा और दोपहर 12 से 3 बजे तक उनका शव अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि दोपहर 3 बजे लोदी रोड स्थित क्रीमेटोरियम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सम्बंधित खबरें

सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य की वजहों से पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। वह अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थीं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी थीं। वह जय प्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से भी जुड़ी थीं। 

सुषमा स्वराज 1977 में सिर्फ़ 25 साल की उम्र में हरियाणा विधानसभा की सदस्य चुनी गई थीं और राज्य सरकार में मंत्री बनीं। उन्होंने जनता पार्टी की हरियाणा ईकाई के अध्यक्ष का पदभार भी संभाला था। उन्हें यह ज़िम्मेदारी दी गई, तब वह सिर्फ़ 27 साल की थीं। बाद में वह केंद्र की राजनीति में आईं और 7 बार लोकसभा सदस्य चुनी गईं। वह दिल्ली की मुख्यमंत्री भी बनी थीं। वह राज्यसभा की सदस्य भी चुनी गई थीं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

इंडिया गठबंधन से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें