राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने वाले बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही ये क़ानून पूरी तरह रद्द हो गए हैं।
राष्ट्रपति कोविंद ने किए दस्तख़त, पूरी तरह रद्द हुए कृषि क़ानून
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- 2 Dec, 2021
बीजेपी नेतृत्व और मोदी सरकार के पास किसान आंदोलन के बारे में बहुत साफ फ़ीडबैक था कि यह पांच राज्यों के चुनाव में भारी पड़ सकता है। ऐसे में सरकार को पीछे हटना ही पड़ा।

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन यानी बीते सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने का बिल लोकसभा और राज्यसभा में रखा था और यह दोनों सदनों से पास हो गया था।
बीते बुधवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में इन क़ानूनों को रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी। इन क़ानूनों का किसानों और विपक्ष ने जोरदार विरोध किया था और आख़िरकार सरकार को इस मुद्दे पर बैकफ़ुट पर आना ही पड़ा।