जिस बात की आशंका पिछले कुछ वक़्त से जताई जा रही थी, वैसा ही हुआ है। गुरूवार को हुई प्रसार भारती बोर्ड की बैठक में फैसला लिया गया है कि पीटीआई और यूएनआई के सब्सक्रिप्शन को समाप्त कर दिया जाए। लेकिन इसके पीछे क्या कारण है। आख़िर क्यों देश की सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसियों की सेवा की ज़रूरत अब प्रसार भारती को नहीं है।