जिस बात की आशंका पिछले कुछ वक़्त से जताई जा रही थी, वैसा ही हुआ है। गुरूवार को हुई प्रसार भारती बोर्ड की बैठक में फैसला लिया गया है कि पीटीआई और यूएनआई के सब्सक्रिप्शन को समाप्त कर दिया जाए। लेकिन इसके पीछे क्या कारण है। आख़िर क्यों देश की सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसियों की सेवा की ज़रूरत अब प्रसार भारती को नहीं है।
प्रसार भारती ने क्यों ख़त्म किया पीटीआई और यूएनआई का सब्सक्रिप्शन?
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- 17 Oct, 2020
प्रसार भारती बोर्ड की बैठक में फैसला लिया गया है कि पीटीआई और यूएनआई के सब्सक्रिप्शन को समाप्त कर दिया जाए।

प्रसार भारती ने अपनी सफाई में कहा है कि यह फ़ैसला आर्थिक कारणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। प्रसार भारती के अफ़सरों ने इस फ़ैसले का पीटीआई की कवरेज से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है और कहा है कि वह न्यूज़ एजेंसियों से नए प्रस्ताव मंगाएगा। अफ़सरों ने यह भी कहा है कि पीटीआई और यूएनआई फिर से आवेदन करने के लिए आज़ाद होंगे।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने प्रसार भारती बोर्ड के इस फ़ैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार और उनकी एजेंसियों ने मीडिया से बदला लेने की नीयत से यह काम किया है।