राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को मुंबई में पाकिस्तान स्थित माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कास्कर के सहयोगियों, ड्रग पेडलर्स और हवाला ऑपरेटरों से जुड़े मुंबई में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। एनआईए ने सलीम फ्रूट नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ हो रही है। सलीम फ्रूट के घर से एनआईए ने कुछ कागजात भी बरामद किए हैं। इसके साथ ही एनआईए ने माहिम दरगाह और हाजी अली दरगाह के ट्रस्टी सुहैल खंडवानी को भी हिरासत में लिया है और इनसे पूछताछ की जा रही है। सलीम फ्रूट को गैंगस्टर छोटा शकील का आदमी बताया जाता है। छोटा शकील दाऊद इब्राहीम सिंडीकेट का संचालन करता है। केंद्रीय जांच एजेंसी की इस कार्रवाई को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है। बीजेपी के कई नेताओं ने एनसीपी के नेताओं के संबंध दाऊद के सिंडिकेट से होने के आरोप लगाए थे। एनसीपी इस समय महाराष्ट्र में सत्ता में है। एनसीपी का आरोप है कि बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र सरकार को गिराना चाहती है। कई केंद्रीय जांच एजेंसियों ने महाराष्ट्र के कई मंत्रियों के खिलाफ जांच शुरू कर रखी है। जिसमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शामिल हैं।
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एनआईए की टीमों ने मुंबई और ठाणे के नागपाड़ा, भिंडी बाजार, मझगांव, परेल, माहिम, सांताक्रूज, कुर्ला, गोरेगांव, बोरीवली, मुंब्रा (ठाणे) और अन्य स्थानों पर एकसाथ छापेमारी की।
जहां छापे मारे गए, उनमें एक प्रमुख दरगाह के ट्रस्टी, कुछ शार्पशूटर, हवाला डीलर और अन्य गैंगस्टर शामिल हैं।
एनआईए ने फरवरी में कथित धनशोधन मामले में राज्य के एक मंत्री और अन्य का नाम लेते हुए एफआईआर दर्ज की थी।अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत का 'मोस्ट वांटेड' भगोड़ा है। 12 मार्च, 1993 को मुंबई में 13 बम विस्फोटों की एक श्रृंखला हुई, जिसमें 257 लोग मारे गए और 713 से अधिक घायल हो गए। हमले की योजना दाऊद इब्राहिम ने बनाई थी।
एजेंसी ने गृह मंत्रालय से हाल ही में प्राप्त एक आदेश के आधार पर मामला दर्ज किया था। सूत्रों ने कहा, आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने दाऊद और अन्य के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया।
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यह पता चला है कि एनआईए में एक उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम पुलिस अधीक्षक के साथ मामले की जांच करेगी।
सूत्रों ने बताया कि एफआईआर में दाऊद और उसके कई सहयोगियों के नाम शामिल हैं, जिनमें हवाला के पैसे भेजने सहित विभिन्न माध्यमों से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में उनकी भूमिका का जिक्र है।
एनआईए का यह कदम भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति के बयान के बाद उठाया गया है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन 2022 में बोलते हुए कहा था कि आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के बीच संबंधों को पूरी तरह से पहचाना जाना चाहिए और सख्ती से निपटा जाना चाहिए। इसे दाऊद इब्राहिम का संदर्भ माना गया था। हमने 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार अपराध सिंडिकेट को न केवल राज्य की सुरक्षा दी, बल्कि 5-सितारा आतिथ्य का आनंद लेते देखा।
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