पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में फिरोजपुर के एसएसपी को जिम्मेदार ठहराया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 5 सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा के साथ ही चंडीगढ़ के डीजीपी, एनआईए के आईजी, पंजाब पुलिस (सुरक्षा) के एडीजीपी, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी शामिल किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि फिरोजपुर जिले के एसएसपी सुरक्षा में हुई चूक के लिए जिम्मेदार हैं जबकि उन्हें इस बात का पता था कि बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि फिरोजपुर के एसएसपी के पास पर्याप्त पुलिस बल था और उन्हें 2 घंटे पहले बता दिया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रास्ते से जाएंगे।
इस रिपोर्ट में बठिंडा के एसएसपी ने फिरोजपुर के एसएसपी को सुरक्षा में हुई चूक के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि इस साल जनवरी में पंजाब के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के फिरोजपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने राज्य के दौरे पर पहुंचे थे। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच चुके थे क्योंकि उनका काफिला 15 से 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुका रहा था। उस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर पर जाम लगा दिया था। केंद्र सरकार ने कहा था कि यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक है।
प्रधानमंत्री बठिंडा के एयरपोर्ट पर उतरे थे और उन्हें हुसैनीवाला में स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने हेलीकॉप्टर से जाना था लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका था।
गृह मंत्रालय ने कहा था कि मौसम खराब बना रहने के कारण प्रधानमंत्री ने सड़क मार्ग से ही राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने का फैसला किया और पंजाब पुलिस के डीजीपी की ओर से सुरक्षा पुख्ता होने का भरोसा देने के बाद ही प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से आगे बढ़े थे।
लेकिन स्मारक तक पहुंचने से लगभग 30 किलोमीटर पहले ही जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने वहां पर सड़क को जाम कर दिया।
इस घटना को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के तमाम नेता आमने-सामने आ गए थे।
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