प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज साफ़-साफ़ कह दिया कि राजपथ गुलामी का प्रतीक था और इसलिए उसे मिटा दिया गया है। जब राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किए जाने की ख़बर आई थी तो इसके कयास भर लगाए जा रहे थे कि मोदी सरकार ने 'गुलामी का प्रतीक' मिटाने की प्रक्रिया में ही नाम को बदला होगा। लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी ने खुद यह साफ़ कर दिया।
दिल्ली में इंडिया गेट पर 'कर्तव्य पथ' के उद्घाटन और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा के अनावरण के बाद कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा, 'आज, हमने अतीत को पीछे छोड़ दिया है और हम भविष्य के लिए एक नई तस्वीर खींच रहे हैं। गुलामी का प्रतीक, किंग्सवे यानी राजपथ, अब इतिहास है, हमेशा के लिए मिटा दिया गया है।'
पीएम ने अपने संबोधन में कहा, 'आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है। मैं सभी देशवासियों को आज़ादी के इस अमृत काल में गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बधाई देता हूं।'
उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भी देश का हीरो बताया और कहा कि भारत अपने हीरो को भूल गया है। उन्होंने कहा, 'नेताजी की प्रतिमा उस स्थान पर है जहां किंग जॉर्ज की प्रतिमा कभी खड़ी थी, एक नए भारत की 'प्राण प्रतिष्ठा' की तरह है।' उन्होंने दावा किया कि यदि भारत आज़ादी के बाद नेताजी के दिखाए रास्ते पर चलता तो कहानी कुछ और होती।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि भारत अब गुलामी की मानसिकता से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने नेताजी बोस के नाम पर अंडमान द्वीप समूह का नाम बदलने और रेस कोर्स रोड का नाम लोक कल्याण मार्ग करने का भी उल्लेख किया।
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भारतीय नौसेना ने भी छत्रपति शिवाजी के प्रतीक चिन्ह को अपनाया है और गुलामी के प्रतीक को हटा दिया है। ये परिवर्तन केवल प्रतीकों तक सीमित नहीं हैं। ये परिवर्तन देश की नींव का हिस्सा हैं।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
उन्होंने कहा, 'आज न केवल वास्तुकला, बल्कि राजपथ की आत्मा भी बदल गई है। जब मंत्री और अधिकारी कर्तव्य पथ को पार करेंगे, तो उन्हें राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्य की याद दिलाई जाएगी।'
उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि भारत सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढाँचे के साथ-साथ सांस्कृतिक बुनियादी ढांचे पर भी काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कर्तव्य पथ के रूप में देश को सांस्कृतिक आधारभूत संरचना का एक और उत्कृष्ट उदाहरण मिल रहा है।
पीएम ने कहा, 'आप यहां भविष्य का भारत देखेंगे। यह आपको एक नई दृष्टि, नया विश्वास देगा। अगले तीन दिनों तक, नेताजी के जीवन पर एक ड्रोन शो आयोजित किया जाएगा। शाम को बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं। कर्तव्य पथ की योजना, डिजाइन और प्रकाश व्यवस्था इसी को ध्यान में रखकर की गई है।'
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आज देश अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैकड़ों कानूनों को बदल चुका है। भारतीय बजट, जो इतने दशकों से ब्रिटिश संसद के समय का अनुसरण कर रहा था, उसका समय और तारीख भी बदली गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए अब विदेशी भाषा की मजबूरी से भी देश के युवाओं को आजाद किया जा रहा है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को दिल्ली में इंडिया गेट पर 'कर्तव्य पथ' का उद्घाटन किया और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया। राजपथ का नाम बदलकर अब कर्तव्य पथ कर दिया गया है। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक लगभग 101 एकड़ में फैले इस नए रूप में राजपथ के दोनों ओर लॉन शामिल हैं, जिसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है। कर्तव्य पथ के दोनों ओर आठ पुल बनाए गए हैं, ताकि पैदल चलने वालों को लॉन पर न चलना पड़े और पैदल मार्ग और पुलों का उपयोग कर सकें। इस बीच छह वेंडिंग जोन बनाए गए हैं, जहां 16 क्षेत्रीय फूड स्टॉल लगाए जाएंगे। इंडिया गेट का पूरा इलाका अब नया दिखाई देगा।
इंडिया गेट के बगल में ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को स्थापित किया गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की गई है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस 23 जनवरी के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
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