जिस राजपथ पर कोई भी अधिकार की बात कर सकता था, जहां किसानों, मजदूरों और छात्रों ने कई बार विरोध के अपने अधिकार को पुष्ट किया, उसका नाम बदलकर ‘कर्तव्य’ पथ क्यों किया गया? जानिए इसके क्या मायने हैं।
मोदी सरकार ने जार्ज पंचम की छतरी के नीचे सुभाष चंद्र बोस को पहुंचा दिया और राजपथ को बनाया कर्तव्यपथ .आठ साल बाद यह कर्तव्य क्यों याद आया .क्या नाम बदलने से इतिहास बदल जायेगा ?आज की जनादेश चर्चा .