देश में तेज़ी से बढ़ते कोरोना के प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 'उभरते कोरोना की सेकंड पीक' को रोकना ही होगा। कोरोना संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे स्तर पर केंटेनमेंट ज़ोन बनाने, प्रतिबंधों को लागू करने जैसे क़दमों को उठाने को कहा। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि यदि महामारी को अभी नहीं रोका गया तो यह पूरे देश में फिर से फैल जाएगा।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि लोगों में दहशत की स्थिति पैदा किए बिना पहल किए जाने की ज़रूरत है। यह बैठक तब हो रही है जब देश में एक दिन में 28 हज़ार 903 कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं। यह 11 दिसंबर के बाद सबसे ज़्यादा है। तब 30254 संक्रमण के मामले आए थे। इसी हफ़्ते केंद्र सरकार ने कहा है कि महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर आ गई है। 24 घंटे में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले भी महाराष्ट्र से ही आए हैं। एक दिन में महाराष्ट्र में 17 हज़ार 864, केरल में 1970, पंजाब में 1463, कर्नाटक में 1135 और गुजरात में 954 मामले आए हैं।
भारत में कोरोना का ख़तरा फिर बढ़ गया है और रिकॉर्ड संक्रमण के मामले आ रहे हैं। संक्रमण का ख़तरा कितना ज़्यादा है, यह इससे ही समझा जा सकता है कि इस मसले पर प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल नहीं हो पाए हैं।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों की ऑनलाइन बैठक में एक प्रस्तुति के दौरान कहा गया है कि 70 ज़िलों में कोरोना के मामलों में 150% की वृद्धि हुई। सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में 60 फ़ीसदी सक्रिय कोरोनो के मामले हैं। पंजाब में कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए पूरे राज्य में RTPCR टेस्ट को बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले जो दूसरे और तीसरे स्तर के शहर उतने प्रभावित नहीं हुए थे वे इस बार प्रभावित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने चेताया, 'इस आपदा में अगर हम बच पाए तो इसकी एक वजह यह थी कि हम गाँवों को इससे मुक्त रख पाए थे। इस बार संक्रमण दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में पहुँच रहा है।'
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यदि गाँवों में संक्रमण फैला तो उसको संभालने में व्यवस्थाएँ कम पड़ जाएँगी। उन्होंने इसके सुधार करने की भी बात कही।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि केंद्रीय टीम ने राज्य में स्थिति का जायजा लिया था। केंद्रीय टीम ने कहा है कि कोरोना को नियंत्रित करने के लिए अगस्त-सितंबर 2020 की तरह ही प्रशासनिक तैयारी की जानी चाहिए।
राज्य में कोरोना के हालात चिंताजनक हैं और कोरोना दिशा-निर्देशों की पालना को लेकर सवाल उठते रहे हैं। ख़ुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कई बार लोगों को चेता चुके हैं। उन्होंने शनिवार को राज्य में होटल और रेस्तरां को आदेश दिया कि वे अपने परिसर में कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें और राज्य को लॉकडाउन जैसे कठोर उपायों को लागू करने के लिए मजबूर न करें।
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भारत में संक्रमण की दूसरी लहर?
संक्रमण के मामले बढ़ने से संदेह यह जताया जाने लगा है कि क्या भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो गई है। यह इसलिए कि हर रोज़ संक्रमण के मामले क़रीब 10 हज़ार आने लगे थे वे अब बढ़कर क़रीब 29 हज़ार हो गए हैं। कोरोना पॉजिटिव एक्टिव मामले जहाँ 1 लाख 37 हज़ार पहुँच गए थे वे अब बढ़कर 2 लाख से काफ़ी ज़्यादा हो गए हैं। पहले जहाँ ठीक होने वाले मरीज़ों की संख्या नये कोरोना पॉजिटिव वालों की संख्या से ज़्यादा थी वहीं अब नये कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की संख्या ज़्यादा हो गई है। और तो और देश के कई ज़िलों में सख़्त लॉकडाउन लगा दिया गया है और महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों ने पूरे राज्य में ही लॉकडाउन लगाने की चेतावनी भी दे दी है।
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