प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर देर रात तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक चली। कहा जा रहा है कि बैठक में क़रीब 5 घंटे तक चुनावी रणनीति पर मंथन चलता रहा। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीएल संतोष और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार अगले कुछ महीनों में ही होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा करने के लिए यह बैठक हुई। कयास लगाया जा रहा है कि चुनाव से पहले कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है।
यह बैठक प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका से लौटने के कुछ ही दिन बाद हुई है। लोकसभा चुनाव के लिए अब एक साल से भी कम समय बचा है। इससे पहले मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। अमेरिका से लौटने के तुरंत बाद पीएम ने मध्य प्रदेश में एक जनसभा में समान नागरिक संहिता लागू करने पर जोर देकर चुनावी बिगुल फूंक दिया है।
पिछले महीने केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ संगठनात्मक सदस्यों ने मोदी सरकार की नौवीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक महीने तक जन संपर्क अभ्यास चलाया था। यह एक ऐसा कदम है जिसे 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले समर्थन जुटाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के मेगा आउटरीच के रूप में भी देखा गया।
चुनाव की इन सरगर्मियों के बीच ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं कि विपक्षी एकता से बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल सकती है। कम से कम 15 दल एकजुट नज़र आ रहे हैं। यदि चुनाव में यह एकजुटता बनी रही तो बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी। यह चुनावी विश्लेषक भी बता रहे हैं और आँकड़े भी इसी ओर इशारा करते हैं।
कर्नाटक में हार ने भाजपा को इस साल के अंत में होने वाले राज्य चुनावों के अगले दौर के लिए अपने अभियान में बदलाव करने के लिए मजबूर किया है।
इस वजह से बीजेपी चुनाव के लिए रणनीति बनाने में जुटी हुई है। बीजेपी ने 6 जून को भी एक बैठक की थी। उसमें भी अमित शाह, जेपी नड्डा और बीएल संतोष सहित कई नेता मौजूद थे। सूत्रों से ख़बर आई थी कि उस दौरान चुनावी राज्यों में चुनाव प्रभारी नियुक्त करने समेत कई राज्यों के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्षों और बीजेपी की केंद्रीय टीम में बड़े फेरबदल को लेकर चर्चा हुई थी।
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