बुद्ध पूर्णिमा के मौक़े पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देशवासियों को संबोधित किया। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि समय बदल गया लेकिन भगवान बुद्ध के संदेश सभी के लिए प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा, ‘बुद्ध सिर्फ एक नाम नहीं है, बल्कि यह पवित्र विचार भी है, यह नाम मानवता का मार्गदर्शन करता है। बुद्ध त्याग और तपस्या की सीमा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुश्किल के इस समय में भारत ने हर जरूरतमंद तक पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भारत हर व्यक्ति का जीवन बचाने का प्रयास कर ही रहा है, वैश्विक दायित्वों का भी पालन कर रहा है।’
मोदी ने कहा, ‘भगवान बुद्ध का एक-एक वचन, एक-एक संदेश भारत के बोध और भारत के आत्मबोध दोनों का प्रतीक है। इसी आत्मबोध के साथ भारत पूरी मानवता के हित में काम कर रहा है और करता रहेगा। भारत की प्रगति हमेशा दुनिया की प्रगति में सहायक होगी।’
उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हमारा काम निरंतर सेवा भाव से होना चाहिए। दूसरे के लिए करूणा, संवेदना का भाव हमारे मन में होना चाहिए। जो लोग दिन-रात मानवता की सेवा में जुटे रहते हैं, वे ही बुद्ध के सच्चे अनुयायी हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मुश्किल परिस्थिति में आप ख़ुद का, अपने परिवार का ध्यान रखें, अपनी रक्षा करें और यथासंभव दूसरों की भी मदद करें।
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