पीएफआई (पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया) को लेकर यूपी और अन्य स्थानों पर गिरफ्तारियों का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। खास बात यह है कि शनिवार को गिरफ्तार लोगों में कई मौलाना भी हैं। पीएफआई पर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए कल शुक्रवार से क्रैकडाउन कर रही है। इसे ऑपरेशन ऑक्टोपस नाम दिया गया था। शनिवार को यूपी के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने शामली, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर और मेरठ से चार लोगों का गिरफ्तार किया। अफसरों ने दावा किया कि इनके पास से 'गजवा-ए-हिंद' से संबंधित साहित्य भी मिला। आरोपियों के कब्जे से बरामद पेन ड्राइव में आईएस और कश्मीरी मुजाहिदीन से संबंधित वीडियो पाए गए।
यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक आरोपियों की पहचान शादाब अजीज कासमी, मुफ्ती शहजादा, मौलाना साजिद और मौलाना इस्लाम कासमी के रूप में हुई है। एटीएस अधिकारियों को जानकारी मिली कि पीएफआई और अन्य मुस्लिम संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और 2047 तक भारत को 'गज़वा-ए-हिंद' में बदलने की साजिश रच रहे हैं।
आरोप है कि पकड़े गए आरोपियों का लक्ष्य 2047 तक शरीयत लागू करना था और उनका प्रभाव सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों में देखा गया था। आरोपियों ने एटीएस अधिकारियों को बताया कि उन्होंने केरल में पीएफआई शिविरों का दौरा किया और वहां जूडो, कराटे और हथियारों का प्रशिक्षण लिया।
आरोपियों के खिलाफ मेरठ के थाना खरखोदा में धारा-120बी, 121ए, 153ए, 295ए, 109, 505(2) आईएमडी और धारा 13(1)(बी) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपियों में से एक मोहम्मद शादाब अजीज कासमी एसडीपीआई के पश्चिमी उत्तर प्रदेश विंग के महासचिव थे। यूपी एटीएस ने सात दस्तावेज फाइलें, 11 वीडियो, पेन ड्राइव से 179 भड़काऊ तस्वीरें और इस्लामिक स्टेट (आईएस) से संबंधित साहित्य भी बरामद करने का दावा किया।
इस बीच, 15 राज्यों में फैले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई का कोड नाम "ऑपरेशन ऑक्टोपस" था।
22 सितंबर को 11 राज्यों में एनआईए, ईडी और संबंधित राज्यों की पुलिस की एक संयुक्त टीम के छापों में 106 से अधिक पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। एनआईए के नेतृत्व में तमाम टीमों ने गुरुवार को पीएफआई के 106 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था। देश में आतंकी गतिविधियों को कथित रूप से समर्थन देने के आरोप में 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छानबीन जारी है।
पुणे में कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे
उधर, पुणे पुलिस ने शनिवार को कहा कि उसने शुक्रवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा शहर में आयोजित एक आंदोलन के दौरान कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारों का संज्ञान लिया है और विरोध में लगाए गए सभी नारों की जांच कर रही है।
प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसके बाद महाराष्ट्र में कुछ बीजेपी नेताओं ने नारे लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। हालांकि जिस भी मीडिया आउटलेट ने उस कथित वीडियो को चलाया, स्वतंत्र रूप से वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है।
पीएफआई के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा करने के लिए पुणे में जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विरोध के दौरान पुलिस ने 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल ने कहा, हमने पहले ही अवैध रूप से इकट्ठा होने के लिए पीएफआई सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और हम नारेबाजी के मामले को देख रहे हैं।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बिना अनुमति के आंदोलन आयोजित करने, अवैध रूप से जमा होने और सड़क जाम करने के आरोप में बुंडगार्डन थाने में 60 से अधिक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बीजेपी विधायक नितेश राणे ने कहा कि पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने वालों को याद रखना चाहिए कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, पुणे में पीएफआई के समर्थन में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों को.. चुन चुन के मारेंगे.. इतना याद रखना।
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