केंद्र सरकार ने संसद के अंदर बुधवार दोपहर हुई घटना पर गुरुवार सुबह तक कोई बयान नहीं दिया लेकिन गुरुवार सुबह एक एक्शन सामने आया। संसद के अंदर हुई भारी सुरक्षा चूक के मामले में आठ लोकसभा स्टाफ को निलंबित कर दिया गया। निलंबित किए गए आठ कर्मियों में रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र शामिल हैं। लोकसभा में जब शून्यकाल चल रहा था, उसी समय दो आंदोलनकारी सागर शर्मा और डी. मनोरंज एक भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के पास पर अंदर आए। सागर शर्मा सत्र के दौरान ही विजिटर गैलरी से सदन में कूदे। उन्होंने एक मेज से दूसरे मेज पर छलांग लगाई और स्पीकर के आसन तक पहुंचने की कोशिश की। इस दौरान सागर और डी. मनोरंजन ने एक पीले रंग का धुआं भी छोड़ा।
इन दोनों ने इस पूरे एक्शन के दौरान तानाशाही नहीं चलेगी जैसा नारा भी लगाया। बाद में दिल्ली पुलिस को दिए गए बयान में सागर शर्मा समेत सभी आरोपियों ने कहा कि वे लोग बेरोजगारी, किसान-मजदूरों और मणिपुर की महिलाओं पर हो रहे अत्याचार से हताश थे, इसलिए यह कदम उठाया।
अभी तक की जानकारी
- सभी आरोपी अलग-अलग राज्यों से हैं। संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन करने के लिए पिछले 18 महीनों में कई बार मिले। ये चारों ''भगत सिंह फैन क्लब'' नाम वाले फेसबुक पेज पर जुड़े थे।
- चार आरोपियों पर आतंकवाद विरोधी धारा लगाई गई है। पांचवे आरोपी विक्की शर्मा की पत्नी को भी हिरासत में लिया गया है। सभी आरोपी विक्की शर्मा के गुड़गांव आवास पर ठहरे थे।
- छठा आरोपी ललित झा अभी तक फरार है। उसे ही इनका हैंडलर बताया जा रहा है। चारों आरोपियों ने अपने फोन ललित झा के पास जमा करा दिए थे। ललित झा ने संसद के बाहर की घटना का वीडियो बनाया था।
- सभी आरोपी चंडीगढ़ में किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुए थे। यह जानकारी पुलिस ने पूछताछ के बाद की है।
- न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा है कि इस घटना के पीछे कोई बड़ा दिमाग था। लेकिन पुलिस अभी तक उस शख्स तक नहीं पहुंच सकी है और न ही उसके बारे में उसके पास कोई सुराग है।
- संसद में सुरक्षा चूक पर बहस हो रही है। लेकिन कोई भी पार्टी इन युवकों के मुद्दों पर कुछ नहीं कह रहा है। भाजपा इन्हें कांग्रेस समर्थक बताकर राजनीति कर रही है तो कांग्रेस का कहना है कि इन्हें संसद प्रवेश का पास भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने दिया है।
संसद के अंदर प्रदर्शन करने वाले दोनों के अलावा दो लोगों ने बाहर भी ठीक उसी तरह का पीला धुआं छोड़कर प्रदर्शन किया। चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है संसद के बाहर प्रदर्शन करने वालों में नीलम आज़ाद और अमोल शिंदे हैं। दिल्ली पुलिस ने चारों पर आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। दो अन्य आरोपियों में से, ललित झा ने कथित तौर पर संसद के बाहर नीलम और शिंदे के वीडियो शूट किए और फिर उनके सेलफोन के साथ भाग गए, जबकि विक्की शर्मा का गुड़गांव घर में घर है, जहां सभी आरोपी रुके थे।
लोकसभा के अंदर घटना होने पर कई सांसदों ने सागर शर्मा और डी. मनोरंजन को घेर लिया। एक वीडियो में कम से कम चार सांसद सागर को पीटते नजर आ रहे हैं। एक सांसद ने उन्हें बालों से पकड़कर खींचा, जबकि अन्य उन्हें मारते रहे।
इस घटना ने दो मुख्य मुद्दों की तरफ ध्यान खींचा है। पहला मुद्दा ये है कि संसद की सुरक्षा इतनी लचर है कि कोई भी शख्स किसी सांसद के पास पर अंदर जा सकता है। दूसरा मुद्दा ये है कि बेरोजगारी, किसान-मजदूरों पर अत्याचार से हताश युवक शहीद-ए-आजम भगत सिंह से प्रेरणा ले रहे हैं। सभी गिरफ्तार आरोपी अलग-अलग राज्यों से हैं लेकिन वे इन मुद्दों पर एक जैसी राय रखते हैं। पुलिस ने बेशक उन पर आतंकवाद विरोधी धाराएं लगा दी हैं लेकिन अदालत में जब ये मामला चलेगा तो उन युवकों के मुद्दों पर ही बहस होगी।
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