बुधवार को भी संसद के दोनों सदनों में एक बार फिर नारेबाजी और हंगामा हुआ और इस वजह से लोकसभा और राज्यसभा को स्थगित करना पड़ा। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा से सांसदों के निलंबन की कार्रवाई के खिलाफ विरोध दर्ज कराया और नारेबाजी की। नारेबाजी करने, कागज फाड़ने और इन्हें आसन की ओर फेंकने के कारण राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को इस हफ्ते के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।
विपक्षी सांसदों ने कहा कि सांसदों का निलंबन खत्म किया जाना चाहिए। टीएमसी के सांसदों ने कई मुद्दों को लेकर संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया।
50 घंटे तक प्रदर्शन
विपक्षी राजनीतिक दलों के सांसद निलंबित सांसदों के पक्ष में आगे आए हैं। उन्होंने कहा है कि वे 50 घंटे तक संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के बाहर प्रदर्शन करेंगे। एक वक्त में चार सांसद प्रदर्शन में शामिल होंगे और यह प्रदर्शन शुक्रवार दिन में 1 बजे तक चलेगा। कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जब सांसद महत्वपूर्ण मुद्दों को संसद में उठाते हैं तो उन्हें निलंबित कर दिया जाता है।
मंगलवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा हुआ था और इस वजह से पहले कई बार और फिर दिन भर के लिए दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा था।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसदों ने "रोलबैक जीएसटी" के नारे लगाए थे और लोकसभा में कई मुद्दों को लेकर विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की थी। जबकि कांग्रेस सांसदों ने ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए संसद परिसर में प्रदर्शन किया था।
19 विपक्षी सांसद निलंबित
राज्यसभा में जोरदार हंगामे के बाद मंगलवार को 19 सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके पीछे उनके खराब व्यवहार को वजह बताया गया है। विपक्षी सांसदों ने सदन के अंदर महंगाई, मूल्य वृद्धि पर विरोध दर्ज कराया था।
जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें सुष्मिता देव, मौसम नूर, शांता छेत्री, डोला सेन, शांतनु सेन, अभि रंजन बिस्वार, नदीमुल हक, हमाम अब्दुल्ला, बी. लिंगैया यादव, एए रहीम, रविहंद्र वद्दीराजू, एस. कल्याणसुंदरम, आर गिररंजन, एनआर एलंगो, वी. शिवदासन, एम. षणमुगम, दामोदर राव दिवाकोंडा, संदोश कुमार पी., डॉ. कनिमोझी एनवीएन सोमू शामिल हैं।
मॉनसून सत्र 2022 अपनी शुरूआत से ही हंगामेदार रहा है और इस वजह से अब तक संसद के दोनों सदनों में कोई ज्यादा कामकाज नहीं हो सका है। विपक्षी सांसदों ने केंद्र द्वारा एजेंसियों के दुरुपयोग, संसद में बेहद कम चर्चा होने के मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है।
लगातार हो रहे हंगामे को देखकर लगता है कि आने वाले कई दिन तक संसद में हंगामा और शोरगुल रहेगा और पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ सकता है। इससे पहले भी संसद के कुछ सत्रों में पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानूनों को लेकर हंगामा हुआ था और सदन में कामकाज नहीं हो सका था।
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