मणिपुर में हिंसा पर विपक्षी दलों के विरोध के बीच संसद की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की और नारे लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद दोपहर बाद संसद फिर जुटी। लेकिन लगातार हंगामा चलता रहा और इस दौरान सदन स्थगित किया गया। शाम 5 बजे सदन फिर जुटा लेकिन हंगामे के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया।
बहरहाल, भाजपा ने मौजूदा मॉनसून सत्र की योजना तैयार करने के लिए आज सुबह संसदीय दल की बैठक की। बैठक के लिए पीएम मोदी भी संसद पहुंचे थे।
#WATCH | BJP Parliamentary party meeting is underway at Parliament. pic.twitter.com/BJk69aVdxj
— ANI (@ANI) July 25, 2023
आप सांसद राघव चड्ढा ने संसद के बाहर कहा कि विपक्ष केवल मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह को हटाया जाना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "विपक्षी दलों की एकमात्र मांग यह है कि हम मणिपुर मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। यह दुखद है कि इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है लेकिन भारत में नहीं। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए...आप पूरे देश में मणिपुर का मुद्दा उठाने जा रही है।"
कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने पूछा कि प्रधानमंत्री संसद में मणिपुर पर बयान देने से क्यों डरते हैं? उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री हमेशा संसद में बयान देते हैं...? हम प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर अनुरोध करते हैं कि वह मणिपुर पर बयान दें। मणिपुर एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है और संसद को एक सकारात्मक और शांतिपूर्ण संदेश भेजना चाहिए... हमें अन्य राज्यों के बलात्कार के मुद्दों की तुलना में राजनीति नहीं करनी चाहिए...मणिपुर एक बड़ा मुद्दा है...।"
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी समेत कई कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद के दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव नोटिस देकर मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की।
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