मणिुपर मुद्दे पर हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही दोपहर 12 बजे फिर से शुरू हुई। इससे पहले दोनों सदनों को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग जारी रखी।
यह हंगामा गुरुवार को संसद में हुए संघर्ष विराम के बाद हुआ। गुरुवार को विपक्ष ने दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग लिया था। हालाँकि, बाद में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की पार्टियों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा में उनकी भागीदारी एक अपवाद थी।
इससे पहले शुक्रवार सुबह 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, सदन में चल रहे सामान्य कामकाज के बीच हंगामा होने लगा। प्रश्नकाल चलने के दौरान भी विपक्षी सांसदों ने नारे लगाए और तख्तियां लहराईं। मणिपुर मुद्दे पर गतिरोध जारी है।
राज्यसभा में भी सुबह से ही हंगामा शुरू हो गया था। जहाँ विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे थे वहीं, सत्ता पक्ष राजस्थान के मुद्दे पर। सदन के नेता पीयूष गोयल ने राज्यसभा में नियम 176 के तहत राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर चर्चा की मांग की। ट्रेजरी बेंच के सांसदों ने सदन में राजस्थान पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी की।
बीजेपी ने अपने लोकसभा सांसदों को 7 से 11 अगस्त तक व्हिप जारी किया है, जिसमें उनसे सदन में उपस्थित रहने और सरकार के रुख और विधेयकों का समर्थन करने को कहा गया है।
लोकसभा ने गुरुवार को विपक्षी दल के सदस्यों की उपस्थिति में चर्चा के बाद ध्वनि मत से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित कर दिया। दिल्ली सेवा अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक पर बहस करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र के पास केंद्र शासित प्रदेशों पर कानून बनाने की शक्ति है और इसलिए, उसे नियम बनाने का भी अधिकार है।
इससे पहले विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए शाह ने दावा किया था कि इस विधेयक के पारित होने के बाद विपक्षी गठबंधन टूट जाएगा। इसके अलावा, मणिपुर हिंसा मुद्दे पर चर्चा की विपक्ष की मांगों का जवाब देते हुए शाह ने कहा था, 'सरकार सभी जवाब देगी, मैं सदन में इस मुद्दे पर जवाब दूंगा।'
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