देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के बीच पंजाब और केरल की सरकारों ने कहा है कि वे अपने-अपने राज्यों में इस क़ानून को लागू नहीं होने देंगे। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कुछ ऐसी ही बात कही थी। राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने भी इस क़ानून को संविधान विरोधी क़रार दिया है और कहा है कि वे इसका विरोध करते हैं।
पंजाब, केरल सरकारों ने कहा, नहीं लागू होने देंगे नागरिकता संशोधन क़ानून
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- 13 Dec, 2019
देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के बीच पंजाब और केरल की सरकारों ने कहा है कि वे अपने-अपने राज्यों में इस क़ानून को लागू नहीं होने देंगे।

इन सरकारों के विरोध के अलावा उत्तर-पूर्वी राज्यों में तो आम लोग सड़कों पर हैं और हिंसा भी हुई है। असम में दो लोगों की जान चली गई है। असम के साथ त्रिपुरा में सेना को तैनात करना पड़ा है। इन दोनों राज्यों के साथ ही मेघालय में भी मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी है। बता दें कि राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक क़ानून बन गया है। इस क़ानून के अनुसार 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बाँग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध नहीं माना जाएगा। उन्हें इस देश की नागरिकता दी जाएगी। हालाँकि, इस क़ानून में मुसलिमों के लिए यह प्रावधान नहीं है।