इसलामाबाद ने जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा ख़त्म करने के मुद्दे पर राजनयिक विरोध जताया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को एक कड़ा विरोध पत्र दिया है।
पाकिस्तान ने अपने 'डीमार्श' यानी विरोध पत्र में जम्मू-कश्मीर पर लिए गए फ़ैसले को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए इसे रोकने और पलटने को कहा है। पाकिस्तान के विदेश सचिव सुहैल महमूद ने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया से कहा कि यह भारत की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों के ख़िलाफ़ है। इसलामाबाद ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलो को भेजना ग़लत है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट पर अस्थायी रोक लगाने का भी इसलामाबाद ने विरोध किया है।
दूसरी ओर, दिल्ली में सोमवार को राजनयिक क्षेत्र में काफी सक्रियता रही। भारत के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों को बुलाया और भारत की स्थिति से अवगत कराया। इसके अलावा जिन देशों से भारत के बेहतर रिश्ते हैं, विदेश मंत्रालय के अफ़सरों ने उन देशों के प्रतिनिधियों से भी बात की।
विदेश मंत्रालय के अफ़सरों के मुताबिक भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को बदलने के मुद्दे पर लिया गया फ़ैसला इसका अंदरूनी मामला है। इसी तरह राज्य के पुनर्गठन का मामला भी भारत का अंदरूनी मामला है। यह भी कहा गया कि संसद में पेश किया गया प्रस्ताव भी भारत का अंदरूनी मामला है।
दूसरे देशों के राजदूतों से कहा गया कि वे देश को सूचित करें कि भारत का यह फ़ैसला बेहतर शासन, सामाजिक न्याय, लोगों की सामाजिक आर्थिक स्थिति सुधारने और राज्य के विकास के लिए है।
इसके पहले सोमवार को पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ‘इस अंतरराष्ट्रीय विवाद का एक पक्ष होने के कारण पाकिस्तान इन अवैध क़दमों का मुक़ाबला करने के लिए सभी संभावित विकल्पों का प्रयोग करेगा। पाकिस्तान कश्मीर समस्या के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराता है।’
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिशें सोमवार को ही शुरू कर दी थीं। पाकिस्तान के अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार, क़ुरैशी ने इसलामी देशों के समूह ओआईसी के महासचिव से संपर्क करने की घोषणा की थी। यह भी कहा गया था कि क़ुरैशी ओआईसी के महासचिव को कश्मीर घाटी की ताज़ा स्थिति से अवगत कराएँगे। अख़बार के अनुसार, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भी इस ताज़ा घटनाक्रम के बारे में पत्र लिखकर बता चुका है।
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