युद्ध का नतीजा क्या हो सकता है? सिर्फ़ तबाही? यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को समझ आ गई है और यह बात वह खुद स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा है कि भारत के साथ तीन युद्ध से पाकिस्तान ने सबक लिया है। उन्होंने कहा कि उन युद्धों से बर्बादी, बेरोजगारी और गरीबी आई। तो क्या वह सीधे भारतीय प्रधानमंत्री को संदेश दे रहे हैं कि आइए, टेबल पर बैठकर विवाद के सभी मुद्दों का हल निकालते हैं? आख़िर वह चाहते क्या हैं?