आपकी थाली से पैक लस्सी, दही, पनीर और बटर हट सकते हैं या फिर आपको उन्हें महंगे दामों पर खरीदना होगा। 18 जुलाई से तमाम खाने वाली चीजों पर जीएसटी लागू होने जा रहा है। अभी तक पैक्ड लस्सी, दही और बटर वगैरह जीएसटी के दायरे से बाहर थे और इन पर शून्य जीएसटी थी। लेकिन हाल ही में इन चीजों पर 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया।
हर डेयरी कंपनी के उत्पादों में दही प्रमुख उत्पाद होता है और उससे उसे कुल कमाई का 15 से 25 फीसदी हिस्सा आता है। अब जीएसटी बढ़ने पर इन उत्पादों की बिक्री कम होती है तो डेयरी कंपनियों की कमाई पर सीधा असर पड़ेगा। बहुत बड़ी संख्या में लोग घर में दही जमाने की बजाय डेयरी कंपनियों की दही खरीदते हैं। इनमें से तमाम लोग अब घर में दही जमा कर काम चला सकते हैं।
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मशहूर डेयरी कंपनी अमूल के सूत्रों ने बताया कि कंपनी जल्द ही लस्सी, दही, पनीर और बटर के दामों की नई रेट लिस्ट जारी करेगी, जिसमें जीएसटी शामिल होगा। अमूल के ये उत्पाद ट्रेटा पैक में आते हैं। सरकार ने जीएसटी ट्रेटा पैक वाली खाने-पीने की चीजों पर लगाया है। दरअसल, अमूल डेयरी उत्पादों का मार्केट लीडर है। उसके दाम बढ़ाने के बाद अन्य कंपनियां भी रेट बढ़ाने की पहल करती हैं।
जीएसटी का झटका सिर्फ दही और लस्सी वगैरह तक नहीं है। आटा और अन्य अनाज भी महंगे हो जाएंगे। जैसे गुड़ अभी तक जीएसटी के दायरे से बाहर था लेकिन अब इस पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगाया गया है। हालांकि आटा, बेसन और तमाम अनाज की कीमतें जीएसटी लागू होने से पहले ही बढ़ चुकी हैं।
और क्या-क्या महंगा
- बैंक की चेकबुक पर अभ 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। बैंक वो पैसा आपकी जेब से वसूलेंगे।
- किसी अस्पताल में रूम लेने पर अगर अस्पताल उसका किराया 5000 रुपये प्रतिदिन से ज्यादा चार्ज कर रहे हैं तो उस पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा।
- होटल में कमरा लेने पर अगर उसका किराया 1000 रुपये या उससे कम है तो 12 फीसदी जीएसटी लगेगा।अभी तक 1000 रुपये तक के रूम पर जीएसटी नहीं था।
- मैप, चार्ट और एटलस खरीदने पर 12 फीसदी जीएसटी देना होगा।
- एलईडी लाइट, एलईडी लैंप वगैरह पर अब 12 से 18 फीसदी जीएसटी लगेगा।
- चाकू, चम्मच, ब्लेड, पेंसिल शार्पनर, कैंची वगैरह पर जीएसटी 18 फीसदी कर दिया गया है। पहले यह 12 फीसदी के दायरे में था।
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