महाराष्ट्र में भारी बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। मौसम विभाग ने गुरुवार को भी महाराष्ट्र के कोंकण, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश का अनुमान जताया है। यही कारण है कि 14 जुलाई को महाराष्ट्र के ठाणे, नवी मुंबई, रायगढ़, कोल्हापुर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, अमरावती, सतारा और पुणे में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। इन सभी जिलों में 2 दिनों तक स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
महाराष्ट्र सरकार ने लोगों से अपील की है कि अगर ज्यादा जरूरी ना हो तो घर से बाहर ना निकलें। हालांकि मौसम विभाग ने मुंबई में सामान्य बारिश का अनुमान जताया है।
महाराष्ट्र के कई जिलों में पिछले कई दिनों से हो रही तेज बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के चलते राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
अभी तक राज्य में 89 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।
मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के 11 जिलों में 14 जुलाई के लिए अलर्ट जारी किया है जिसकी वजह से सरकार ने इन जिलों में अगले 2 दिनों तक स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है। महाराष्ट्र के नासिक में भारी बारिश के चलते गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसके चलते स्थानीय प्रशासन ने आसपास के लोगों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है।
भारी बारिश का कहर अमरावती जिले में भी देखने को मिल रहा है। इसके अलावा राज्य के हिंगोली जिले में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
डेढ़ सौ मकान ढहे
जिला प्रशासन के अनुसार, हिंगोली जिले के कुंडा गांव में करीब 300 परिवारों के खाने का सामान और अन्य जरूरी चीजें बाढ़ के पानी में बह गईं, जिसके चलते इस गांव के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हिंगोली जिले में करीब डेढ़ सौ मकान भारी बारिश के चलते ढह गए जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने इन सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।
हिंगोली जिले के कलेक्टर का कहना है कि फौरी राहत के तौर पर प्रत्येक प्रभावित परिवार को पांच हजार रुपये सरकार ने देने का फैसला किया है। इसके अलावा पीड़ित परिवारों को राशन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
महाराष्ट्र के नागपुर में भी बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। नागपुर के नंद और वीणा डैम के फाटक खोल दिए गए थे जिसके चलते आसपास के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जिससे भयावह हालात पैदा हो गए हैं।
मुंबई और आसपास के इलाकों में बुधवार सुबह से ही लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है लेकिन इतनी तेज बारिश नहीं हो रही है कि हालात खराब हो जाएं। हालांकि मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनें कुछ देरी से चल रही हैं लेकिन फिलहाल हालात सामान्य बताए जा रहे हैं।
बता दें कि 3 दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गढ़चिरौली जिले में बाढ़ का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। गढ़चिरौली जिले में भी भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री ने वहां पहुंचकर मौके का जायजा लिया था और स्थानीय प्रशासन को जरूरी कदम उठाने के लिए कहा था।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के सभी जिला अधिकारियों और बड़े पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर किसी जिले में भारी बारिश के चलते ज्यादा समस्या पैदा होती है तो वह अपने स्तर पर ही फैसला ले सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं है।
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