दूरदर्शन और आकाशवाणी पर क्या विपक्षी नेताओं के चुनाव प्रचार को सेंसर किया जा रहा है? कम से कम दो नेताओं के भाषणों से कई शब्दों को हटवाया गया है। विपक्ष के दो नेताओं को ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर दिए गए प्रसारण समय के दौरान अपने भाषणों से 'मुस्लिम', 'कम्युनल ऑथोरिटेरियन रिजीम' 'ड्रैकोनियन लॉज' (कठोर कानून) जैसे शब्द और इलेक्टोरल बॉन्ड का संदर्भ हटाने के लिए कहा गया था। उनके विरोध के बाद भी उनकी बात नहीं मानी गई। उनके प्रचार वाले भाषणों में से कुछ शब्दों की जगह दूसरे शब्द का इस्तेमाल करना पड़ा।
दूरदर्शन, आकाशवाणी ने 'मुस्लिम', 'कम्युनल ऑथोरिटेरियन रिजीम' को सेंसर क्यों किया?
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- 17 May, 2024
लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों को प्रचार के लिए दूरदर्शन और आकाशवाणी पर जो समय दिया जाता है, उसमें भी विपक्षी दलों के नेताओं के भाषणों पर सेंसर क्यों?

ये दो नेता सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के नेता जी देवराजन हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सीताराम येचुरी को दिल्ली में दूरदर्शन स्टूडियो में अपने टेलीविजन संबोधन के दौरान दो शब्दों को हटाना पड़ा और सरकार के 'बैंक्रप्सी' यानी दिवालियापन शब्द को 'फेल्योर' यानी विफलता से बदलना पड़ा। ऐसा ही ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के नेता जी देवराजन के साथ भी हुआ। उनको कोलकाता में अपने संबोधन में 'मुसलमान' शब्द बोलने से बचने के लिए कहा गया था।