प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी भाषण पर बवाल मचा हुआ है। इस पर विपक्षी दलों ने तो तीखी प्रतिक्रिया दी ही है, सोशल मीडिया पर नागरिक समाज ने भी धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया है। सवाल पूछा जा रहा है कि क्या मुसलमानों के बारे में उन्होंने जो कहा वह नफ़रती बयान नहीं है? क्या चुनाव आयोग उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगा?