पेगासस स्पाइवेयर से जासूसी के मामले में न्यूयॉर्क टाइम्स की ताजा रिपोर्ट के बाद विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी सहित कई नेताओं ने मोदी सरकार को घेर लिया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि फ़ोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है।
मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राज नेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस ख़रीदा था। फ़ोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2022
मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है। pic.twitter.com/OnZI9KU1gp
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस मामले में ट्वीट किया है। स्वामी ने कहा है कि मोदी सरकार को न्यूयॉर्क टाइम्स के इस खुलासे का खंडन करना चाहिए कि उसने वास्तव में करदाताओं के पैसे से 300 करोड़ रुपए का पेगासस स्पाइवेयर नहीं खरीदा।
जबकि प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि बीजेपी है तो मुमकिन है, देश को बिग बॉस का शो बना डाला है।
Modi government must rebut New York Times revelations today that It did indeed subscribe by payment from tax payers money of ₹ 300 crores to spyware Pegasus sold by Israeli NSO company. This implies prima facie our Govt misled Supreme Court and Parliament. Watergate ?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 29, 2022
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा है कि पेगासस के जरिए अवैध रूप से जासूसी करना देशद्रोह की तरह है। खड़गे ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और हम इस मामले को इंसाफ की चौखट तक ले जाने का काम करेंगे।
बता दें कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत सरकार ने 2017 में इजरायल के साथ हुई डिफेंस डील के तहत इस जासूसी सॉफ्टवेयर को खरीदा था।
यह डिफेंस डील दो अरब डॉलर की थी। एक साल तक लंबी पड़ताल करने के बाद अखबार ने इस खबर को प्रकाशित किया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2017 में जब इजरायल पहुंचे तब यह डिफेंस डील हुई थी और पेगासस स्पाइवेयर और मिसाइल सिस्टम इसके अहम बिंदु थे।
इस मुद्दे को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र में जमकर हंगामा हुआ था। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस पर चर्चा कराने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन किया था।
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