राजस्थान में साम्प्रदायिक तनाव की पांचवी घटना का क्या अर्थ निकाला जाए। भरतपुर में मामूली बात पर दोनों समुदायों में भिड़त होना और तनाव बनना छोटी घटना नहीं है। राजस्थान में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव है। एक तरफ कांग्रेस यहां चिन्तन शिविर कर रही है। तो दूसरी तरफ राजस्थान में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशें कतिपय संगठनों ने तेज कर दी हैं। राजस्थान सरकार को ये घटनाएं चुनौती दे रही हैं। घटनाएं बढ़ीं तो कांग्रेस और गहलौत सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।
अब भरतपुर में बवाल, क्यों सुलग रहा है राजस्थान, किसकी साजिश
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- 29 Mar, 2025
भरतपुर में एक पुराने विवाद को जिन्दा कर सोमवार देर रात साम्प्रदायिक हिंसा की गई। लेकिन अप्रैल और मई में राजस्थान के तमाम शहरों में जिस तरह साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, वो चिन्ता की बात हैं। राजस्थान में चंद महीनों बाद विधानसभा चुनाव है और उसी सिलसिले में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है।

पुलिस के मुताबिक भरतपुर में बुध की हाट इलाके में सोमवार रात दो समुदायों में पथराव हुआ। एक धार्मिक स्थल को निशाना बनाया गया। अगर राजस्थान पुलिस की बात के हवाले से तथ्य बयान किए जाएं तो उसके मुताबिक 2013 में बुध बाजार को लेकर दोनों समुदायों में हिंसा हुई थी। दोनों तरफ काफी नुकसान हुआ था। मथुरा गेट थाने में केस दर्ज किया गया था। कोर्ट ने एक पक्ष के लोगों पर जुर्माना लगाकर उन्हें हाल ही में बरी कर दिया था। इसी फैसले का सोमवार की रात को जश्न मनाया जा रहा था। उस जश्न में डीजे और ढोल बजाया जा रहा था और दूसरे पक्ष को धमकियां दी जा रही थीं। इसी दौरान एक धार्मिक स्थल पर कांच की बोतलें और पत्थर फेंके गए। इसके बाद दूसरे पक्ष ने भी जवाब दिया। इस घटना में दो लोगों को मामूली चोट पहुंची है।