loader
भरतपुर में पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

अब भरतपुर में बवाल, क्यों सुलग रहा है राजस्थान, किसकी साजिश

राजस्थान में साम्प्रदायिक तनाव की पांचवी घटना का क्या अर्थ निकाला जाए। भरतपुर में मामूली बात पर दोनों समुदायों में भिड़त होना और तनाव बनना छोटी घटना नहीं है। राजस्थान में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव है। एक तरफ कांग्रेस यहां चिन्तन शिविर कर रही है। तो दूसरी तरफ राजस्थान में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशें कतिपय संगठनों ने तेज कर दी हैं। राजस्थान सरकार को ये घटनाएं चुनौती दे रही हैं। घटनाएं बढ़ीं तो कांग्रेस और गहलौत सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।

पुलिस के मुताबिक भरतपुर में बुध की हाट इलाके में सोमवार रात दो समुदायों में पथराव हुआ। एक धार्मिक स्थल को निशाना बनाया गया। अगर राजस्थान पुलिस की बात के हवाले से तथ्य बयान किए जाएं तो उसके मुताबिक 2013 में बुध बाजार को लेकर दोनों समुदायों में हिंसा हुई थी। दोनों तरफ काफी नुकसान हुआ था। मथुरा गेट थाने में केस दर्ज किया गया था। कोर्ट ने एक पक्ष के लोगों पर जुर्माना लगाकर उन्हें हाल ही में बरी कर दिया था। इसी फैसले का सोमवार की रात को जश्न मनाया जा रहा था। उस जश्न में डीजे और ढोल बजाया जा रहा था और दूसरे पक्ष को धमकियां दी जा रही थीं। इसी दौरान एक धार्मिक स्थल पर कांच की बोतलें और पत्थर फेंके गए। इसके बाद दूसरे पक्ष ने भी जवाब दिया। इस घटना में दो लोगों को मामूली चोट पहुंची है।

ताजा ख़बरें

देर रात हुए इस घटनाक्रम के बाद मंगलवार को राजस्थान के मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भरतपुर पहुंचे, जहां उन्होंने सभी समुदायों के साथ बैठक की। दोनों समुदायों ने आपसी सद्भाव बनाये रखने का भरोसा दिया है। मंत्री डॉ गर्ग ने डीएम और एसपी के साथ इलाके का दौरा भी किया। बुध की हाट इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने मंगलवार को दोनों पक्षों के मकानों की छतों पर चढ़कर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान कांच की बोतलें और पत्थर बरामद हुए हैं। 

रह रह कर सुलग उठता है राजस्थान

करौली में साम्प्रदायिक हिंसा की शुरुआत हुई थी। करौली में 2 अप्रैल को नवसंवत्सर (हिन्दू कैलेंडर वर्ष) पर पहली बार जुलूस निकाला गया। इसका आयोजन बजरंग दल ने किया था। इसमें एक बाइक रैली शामिल थी। बाइक रैली को उस मार्केट से निकाला गया, जहां मुस्लिमों की दुकानें बहुतायत में हैं। वहां की मस्जिद के पास बाइक रैली रोकी गई, कुछ युवक मस्जिद की छत पर चढ़ गए। उन्होंने उत्तेजक नारेबाजी की और भगवा झंडा लहरा दिया। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन युवकों को ऐसे करने से रोकने की पूरी कोशिश की। इस घटना के बाद करौली में हिंसा हुई। जमकर मुस्लिमों की दुकानों को निशाना बनाया गया। ऐसे वीडियो और फोटो सामने आए, जिसमें मुस्लिम दुकान को फूंक दिया गया लेकिन बगल की हिन्दू दुकान बच गई। 

देश से और खबरें

बारां जिले में 11 अप्रैल को  छबड़ा शहर में दो युवकों को चाकू मारा गया। इसके बाद पूरे शहर में साम्प्रदायिक हिंसा हुई। लोग हथियारों के साथ सड़कों पर निकल आए और पुलिस को सीधे चुनौती दी। हिंसा के दौरान धरनावाड़ा सर्किल, एजाज नगर, अलीगंज और स्टेशन रोड पर चुन-चुन कर दुकानों-मकानों को निशाना बनाया गया।

अलवर में 22 अप्रैल को भयानक साजिश हुई। अलवर नगर पालिका पर बीजेपी का कब्जा है। नगर पालिका ने एक प्रस्ताव पारित कर मंदिर को अतिक्रमण बताते हुए हटाने का फैसला किया। मौके पर बुलडोजर भेजकर मंदिर गिराया गया। लेकिन इसे कुछ संगठनों ने साम्प्रदायिक रंग देते हुए इसे राज्य की कांग्रेस सरकार की करतूत बताया और कहा कि मुस्लिमों को खुश करने के लिए और करौली, जहांगीरपुरी (दिल्ली) की घटनाओं का बदला लेने के लिए मंदिर गिराया गया। आरोप है कि देश के एक नामी चैनल पर एंकर अमन चोपड़ा ने इन्हीं लाइन पर अपना शो चलाया। अमन चोपड़ा के खिलाफ राजस्थान में कई स्थानों पर एफआईआर दर्ज है। वो सभी में आरोपी है। पुलिस उन्हें तलाश रही है। बहरहाल, अलवर की घटना को अभी भी साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा है। हाल ही में बीजेपी सांसद योगी बालकनाथ ने अलवर में जनता रैली बुलाई थी, जिसमें लोग जुटे ही नहीं। 

जोधपुर में तो और भी जबरदस्त साजिश हुई। 3 मई को ईद की नमाज के बाद जालौरी गेट पर हिंसा हुई। लोगों पर तेजाब की बोतलें, पत्थर फेंके गए। चाकूबाजी हुई। हालात काबू करने के लिए शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा। आमतौर पर जोधपुर को शांतिप्रिय और सद्भाव वाला शहर माना जाता है। यहां दो समुदायों में तनाव और हिंसा की सूचना कभी नहीं आई थी लेकिन 2022 की ईद हिंसा के हवाले हो गई। 

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अजमेर में 7 मई की देर रात दो पक्षों में जमकर बवाल हुआ। पुष्कर रोड पर नौसर घाटी के पास दोनों समुदाय के लोग शादी की बारात में हुए विवाद को हल करने के लिए जमा हुए थे। इसी दौरान उनमें संघर्ष शुरू हो गया। इसमें पुलिस वाले भी घायल हो गए। लेकिन अधिकारियों ने खुद मौके पर पहुंचकर हालात को काबू कर लिया।

झालावाड़ में 8 मई को हिंसा हुई। गनीमत यह रही कि यहां हिन्दू-मुसलमान नहीं टकराए, बल्कि हिन्दू समुदाय के दो दुकानदारों के बीच हुए विवाद ने शहर में हिंसा भड़का दी। इसमें एक युवक की हत्या कर दी गई। यहां एक धार्मिक स्थल पर दुकान लगाने पर झगड़े की शुरुआत हुई थी। फिलहाल वहां हालात काबू में हैं।

भीलवाड़ा के सांगानेर में 4 मई की घटना बड़ी साजिश का हिस्सा थी। पुलिस के मुताबिक करबला के पास मोहम्मद आजाद और सद्दाम मेवाती बैठे हुए थे। रात को उन पर 9-10 नकाबपोश लोगों ने हमला कर दिया। उन लोगों ने दोनों की जमकर पिटाई की। सोशल मीडिया पर आजाद और सद्दाम ने एक समुदाय के लोगों की टिप्पणियों का जवाब दिया था। दोनों ने कहा था कि वे लोग सामाजिक सद्भाव बनाये रखें और नफरत को बढ़ावा नहीं दे। इसी बहस में दूसरे गुट के लोगों ने पता लगा लिया कि वे इस समय कहां बैठे हैं। इसके बाद दोनों पर हमला हो गया। उनकी बाइक भी फूंक दी गई पुलिस ने हमले के आरोप में कन्हैया उर्फ काना पुरी और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें