दिल्ली महिला आयोग ने तीन महीने से अधिक की गर्भवती महिलाओं को काम पर जाने से रोकने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को नोटिस जारी किया है। एसबीआई ने इन महिलाओं को "अस्थायी रूप से अयोग्य" कहा है।



आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया कि बैंक की कार्रवाई भेदभावपूर्ण और अवैध है। क्योंकि यह कानून के तहत प्रदान किए जाने वाले मातृत्व लाभों को प्रभावित कर सकती है। सीपीआई ने भी एसबीआई की इस गाइडलाइन को बेतुका बताया है और वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा, "एसबीआई ने 3 महीने से अधिक गर्भवती महिलाओं को सेवा में शामिल होने से रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और उन्हें 'अस्थायी रूप से अयोग्य' करार दिया है। यह भेदभावपूर्ण और अवैध भी है। हमने उन्हें इसे वापस लेने की मांग करते हुए नोटिस जारी किया है।