मोदी सरकार के एक ताक़तवर मंत्री नितिन गडकरी के बयान को कांग्रेस ने साझा किया है। दरअसल, उन्होंने कुछ ऐसा बयान ही दिया है जो सरकार के लिए असहज करने वाला है। यही आरोप विपक्षी दलों के नेता मोदी सरकार पर हमला करने के लिए लगाते रहे हैं। गडकरी ने कहा है कि गाँव, ग़रीब, मजदूर और किसानों की हालत ख़राब है।
गडकरी ने एक मीडिया के साथ इंटरव्यू में जो कहा है उसको कांग्रेस ने साझा किया है, 'आज गाँव, गरीब, मज़दूर और किसान दुखी हैं। गाँवों में अच्छे रोड नहीं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं, अच्छे अस्पताल नहीं, अच्छे स्कूल नहीं हैं।'
उनकी हालत ख़राब होने की वजह भी केंद्रीय मंत्री ने बताई है। द लल्लनटॉप के साथ इंटरव्यू में नितिन गडकरी ने कहा है, '...इसका कारण यह है कि जल, जंगल, जमीन और जानवर, रुरल, एग्रीकल्चर और ट्राइबल... ये जो इकोनमी है यहाँ अच्छे रोड नहीं हैं। पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है। अच्छे स्कूल नहीं हैं। किसान की फसल के अच्छे भाव नहीं है।'
गडकरी कहते हैं कि 'हरियाणा और पंजाब में गेहूँ और चावल रखने के लिए हमको रेलवे के प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने पड़े। हमारे पास स्टोरेज कैपेसिटी नहीं है। ...फर्टिलाइजर की क़ीमतें बढ़ गईं। ...सीमेंट और स्टील की बढ़ गईं। पर अनाज की क़ीमत लगभग वैसी ही है। 20 साल पहले चावल का भाव क्या था और आज क्या है। ज़्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके कारण खेती आर्थिक रूप से नॉन-वायबल हो गई।'
श्री @nitin_gadkari जी के नाम पर @INCIndia का झूठ। pic.twitter.com/V0q5jqnTLA
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) March 1, 2024
वैसे, गडकरी अक्सर खरी-खरी बात कहने के लिए सुर्खियों में रहे हैं। पिछले महीने ही उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था कि चाहे कोई भी राजनीतिक दल सत्ता में हो, अच्छा प्रदर्शन करने वालों को शायद ही वह पहचान मिल पाती है जिसके वे हकदार होते हैं।
गडकरी ने कहा था, 'मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती।'
क़रीब एक साल पहले गडकरी ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों के लिए देश उनका ऋणी रहेगा। नितिन गडकरी अपनी बातों को बिना किसी लाग लपेट के कहने के लिए जाने जाते हैं। गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि मनमोहन सिंह के द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों की वजह से ही वह महाराष्ट्र में मंत्री रहते हुए सड़कों के निर्माण के लिए धन जुटा सके।
उन्होंने कहा था कि उदार आर्थिक नीतियां गरीबों और किसानों के लिए हैं। गडकरी ने कहा था कि चीन इसका अच्छा उदाहरण है कि किस तरह से उदार आर्थिक नीतियाँ किसी देश के विकास में मददगार हो सकती हैं।
2022 के मध्य में गडकरी राजनीति के तौर-तरीकों से इतने आहत हो गए थे कि उन्होंने राजनीति छोड़ने की बात कह दी थी। नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि कभी-कभी तो उनका मन करता है कि वह राजनीति ही छोड़ दें।
गडकरी ने कहा था कि महात्मा गांधी के समय की राजनीति और आज की राजनीति में बहुत बदलाव आ गया है। जिस समय देश आजाद हुआ था उस समय की राजनीति में देश, विकास और समाज के लिए बातें होती थी लेकिन आज की राजनीति में सिर्फ सत्ता के लिए बातें होती हैं।
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