सड़क यातायात को आसान बनाने के लिए वाहवाही बटोर चुके केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरूवार को संसद में बड़ा एलान किया है। गडकरी ने बुधवार को संसद में कहा है कि एक साल के अंदर देश भर में सारे टोल ख़त्म हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि रोड पर कैमरे लगे होंगे, ये कैमरे जीपीएस के जरिये आपकी इमेज कैप्चर करेंगे, जहां से आप एंट्री करेंगे और जहां से निकलेंगे, उसमें लगने वाला टोल का किराया कट जाएगा। बीते साल दिसंबर में गडकरी ने टोल नाका मुक्त भारत बनाने का वादा किया था।
गडकरी ने संसद में कहा कि आने वाले वक़्त में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन और इलेक्ट्रिक वाहनों की क़ीमत बराबर हो जाएगी और जितना पैसा पेट्रोल-डीजल पर सरकार ख़र्च कर रही है, वह पैसा बचेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी भी लेकर आ रही है, इससे कई तरह के फायदे होंगे।
कई प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम
गडकरी के मंत्रालय की ओर से बनाए गए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का उद्घाटन जल्द होने जा रहा है। इस एक्सप्रेस वे के शुरू होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाक़ों के और उत्तराखंड के लोगों को काफी सहूलियत होगी। उनका मंत्रालय दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे, द्वारका एक्सप्रेस वे, दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस वे जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स पर भी जोर-शोर से काम कर रहा है।
फास्टैग सेवा
महानगरों में कुछ महीने पहले तक सूरत-ए-हाल यह था कि टोल पर लंबी-लंबी लाइनें लगती थीं। इसमें वक़्त तो लगता ही था, कई बार खुले पैसे न होने के कारण टोलकर्मियों से लोगों की बहस भी हो जाती थी। लोगों की इस परेशानी को देखते हुए ही बीते महीने से फास्टैग सेवा शुरू की गई है।
केंद्र सरकार ने फास्टैग सेवा को चौपहिया वाहन स्वामियों के लिए अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों की सभी लेन को 'टोल प्लाजा की फास्टैग लेन' घोषित किया है। इसे गाड़ी के शीशे पर लगाना होता है। जब आप किसी टोल प्लाजा से गुजरते हैं तो टोल प्लाजा बूथ पर लगा फास्टैग रीडर आपकी गाड़ी पर लगे फास्टैग के बारकोड को पढ़ लेता है और टोल की राशि प्रीपेड बैलेंस से डिजिटल रूप से काट ली जाती है।
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