कुछ दिन पहले ही ऑक्सीजन की कमी की बात कह कर सरकार की परोक्ष आलोचना करने और इस वजह से सुर्खियों में आने वाले केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक बार फिर चर्चा में हैं।
उन्होंने कोरोना टीके की कमी की बात मानी है और कहा है कि वैक्सीन आपूर्ति के लिए अधिक कंपनियों को कोरोना टीका बनाने का लाइसेंस दे दिया जाए।
उन्होंने कुछ विश्ववि्दयालयों के वाइस चांसलरों की एक वर्चुअल बैठक में कहा, 'यदि आपूर्ति से माँग ज़्यादा हो तो समस्या होती है। एक के बदले 10 कंपनियों को टीका बनाने का लाइसेंस दे दिया जाए। '
कांग्रेस का हमला
कांग्रेस ने इस पर नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज किया है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस पर तंज किया है और ट्वीट कर पूछा है, 'क्या उनके बॉस उनकी बात सुन भी रहे हैं?'But is his Boss listening? This is what Dr. Manmohan Singh had suggested on April 18th. https://t.co/iqgPgJJ6Y7
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 19, 2021
क्या कहा था मनमोहन सिंह ने?
याद दिला दें कि डॉक्टर सिंह ने 18 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर कोरोना टीका का लाइसेंस अधिक कंपनियों को देने की सलाह दी थी।
उन्होंने कहा था, 'भारत टीका के बड़े उत्पादकों में से एक है। ऐसे में सरकार टीका उत्पादकों को वित्तीय सहायता दे, उन्हें रियायतें दे और दूसरे तरीकों से मदद करे ताकि जल्दी से ज़्यादा टीकों का उत्पादन किया जा सके।'
डॉक्टर सिंह ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि अनिवार्य टीका लाइसेंस के प्रावधानों को लागू किया जाए जिसके तहत एक ही लाइसेंस के तहत कंपनियों को टीके बनाने की अनुमति मिल जाए। एड्स टीकों के उत्पादन के लिए पहले ऐसा किया जा चुका है। इज़रायल ने कोरोना टीकों के लिए भी यह प्रावधान लागू कर दिया है। भारत भी ऐसा ही कर सकता है।
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