राष्ट्रीय जांच एजेंसी या एनआईए ने मंगलवार की लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी द्वारा कैदियों को कट्टरपंथी बनाने के मामले में सात राज्यों में छापेमारी की है। यह छापेमारी इन राज्यों में 17 ठिकानों पर हुई है। एनआईए इस बात की जांच कर रही है कि जेल में बंद आतंकवादी दूसरे कैदियों को कट्टरपंथी बना रहे हैं। एनआईए इस मामले की तह तक जाने के लिए यह छापेमारी कर रही है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को सात राज्यों में 17 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। पूर्व में, बेंगलुरु की पुलिस ने सात पिस्तौल, चार हथगोले, एक मैगजीन, 45 कारतूस और चार वॉकी-टॉकी जब्त होने के बाद मामला दर्ज किया था।
इसके बाद शुरु हुई जांच के शुरुआत में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनसे पूछताछ के बाद एक और शख्स की गिरफ्तारी हुई थी। अब तक इस मामले में कुल छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बेंगलुरु शहर की पुलिस ने 18 जुलाई, 2023 को सात आरोपी व्यक्तियों के पास से हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और वॉकी-टॉकी जब्त किया था। यह बरामदगी तब की गई थी जब ये सातों लोग एक आरोपी के घर में एकत्र हुए थे।
आरोपपत्र में शामिल आरोपियों में से केरल के कन्नूर जिले का रहने वाला टी नसीर भी शामिल है, जो 2013 से बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में बंद है। वह यहां उम्रकैद की सजा काट रहा है। वहीं इस मामले में जुनैद अहमद उर्फ जेडी और सलमान खान के विदेश भाग जाने का शक है।
इन सभी आठ आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत चार्जशीट दायर की गई थी। एनआईए ने अक्टूबर 2023 में इस मामले अपने हाथ में ले लिया था और अब एनआईए इस मामले की जांच कर रही है।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2017 में आरोपी टी. नसीर अन्य आरोपियों के संपर्क में आया था। सलाम पॉस्को के मामले में जेल में था। इन्हें कट्टरपंथी बनाने और लश्कर में भर्ती करने के लिए नसीर ने इनका स्थानातंरण अपनी बैरक में करवा दिया था। अपनी इस कोशिश में वह काफी हद तक कामयाब भी रहा था। वह सबसे पहले जुनैद और सलमान को कट्टरपंथी बनाने में कामयाब रहा था। इसके बाद उसने जुनैद के साथ मिलकर अन्य आरोपियों को भी कट्टरपंथी बनाने और लश्कर में भर्ती करने की कोशिश की थी।
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