प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर
फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े ठिकानों
पर कई राज्यों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को छापे मारे। पीएफआई के खिलाफ जिन राज्यों में कार्रवाई की गई है उनमें
उत्तर प्रदेश, बिहार, गोवा, पंजाब और मध्य प्रदेश शामिल हैं। इन राज्यों में अलग-अलग ठिकानों पर
छापेमारी की गई। पिछले साल सितंबर
में केंद्र सरकार ने पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
पीएफआई पर आईएस जैसे
ग्लोबल आतंकवादी संगठन से संबंध रखने, आतंकी गतिविधियों को फंडिंग तथा देशभर में हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के
आरोप लगते रहे हैं।
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पीएफआई पर आज अलग-अलग
राज्यों में 17 ठिकानों पर छापे
मारे गए। सबसे ज्यादा निशाने पर उत्तर प्रदेश में रामपुर, बिहार में दरभंगा तथा मोतीहारी हैं। आरोप है कि पीएफआई से
जुड़े लोग यहां रहकर अपना काडर बढ़ाने और फंडिग जुटाने की कोशिश कर रहे थे। पिछले
साल केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद एनआईए पर लगातार कार्रवाई
हो रही है। इसके कई बड़े नेताओं तथा इससे सहानुभूति रखने वाले लोगों को पहले ही
गिरफ्तार किया जा चुका है।
पीएफआई का विवादों से
पुराना नाता रहा है। राजस्थान, एमपी और यूपी में
हुई हिंसा में भी इस संगठन का नाम सामने आया था। इसके अलावा कर्नाटक का हिजाब
विवाद तथा कर्नाटक के ही एक बीजेपी नेता की हत्या में भी इस पर आरोप लग चुके हैं।
नागरिकता कानून को लेकर तनाव पैदा करने के आरोप भी पीएफआई पर लगे थे। इन
गतिविधियों के बाद कई बीजेपी शासित राज्यों ने पीएफआई पर बैन की मांग की थी।
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पीएफआई के अलावा उसके
सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ऑल इंडिया इमाम काउंसिल तथा नेशनल विमेन फ्रंट पर भी
कार्रवाई की गई है। एनआईए की इस छापेमारी में दरभंगा के उर्दू बाजार स्थित
डेंटिस्ट डॉ शारिक रजा को भी गिरफ्तार किया गया है।
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