क्या राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी सरकार की नीतियों की आलोचना करने वालों को चुन-चुन कर निशाना बना रही है और उन्हें भीमा कोरेगाँव मामले में जानबूझ कर फँसा रही है? या क्या ये सभी अभियुक्त भारतीय व्यवस्था को उखाड़ फ़ेंकने के लिए बने प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के लोग हैं? सचमुच पाकिस्तान ने भारत को अस्थिर करने की साजिश रची और गौमत नवलखा, आनंद तेलतुम्बडे और स्टैन स्वामी जैसे लोग इसमें शामिल हैं?