नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी यानी एनआईए ने आदिवासियों के लिए काम करने वाले 83 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी को भीमा कोरेगाँव मामले में गिरफ़्तार किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वामी के सहयोगी ने यह जानकारी दी है। एनआईए महाराष्ट्र के भीमा कोरेगाँव मामले में जाँच कर रही है और वह इस मामले में स्टैन स्वामी के घर कई बार छापा मार चुकी थी। स्वामी की गिरफ़्तारी का विरोध भी हो रहा है। ख्यात प्राप्त इतिहासकार रामचंद्र गुहा और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस गिरफ़्तारी पर मोदी सरकार की आलोचना की है।
एनआईए ने भीमा कोरेगाँव केस में 83 वर्षीय एक्टिविस्ट स्टैन स्वामी को गिरफ़्तार किया
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- 9 Oct, 2020
नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी यानी एनआईए ने आदिवासियों के लिए काम करने वाले 83 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी को भीमा कोरेगाँव मामले में गिरफ़्तार किया है।

रामचंद्र गुहा ने ट्वीट किया है, 'सुधा भारद्वाज की तरह, स्टैन स्वामी ने आदिवासियों के अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष किया। यही कारण है कि मोदी का शासन उन्हें दबाने और चुप कराने का प्रयास करता है; क्योंकि इस शासन के लिए खनन कंपनियों के मुनाफ़े को आदिवासियों के जीवन और आजीविका से ज़्यादा तरजीह दी जाती है।'