ऐसे समय जब कृषि क़ानून 2020 के ख़िलाफ़ किसान आन्दोलन जन आन्दोलन बनता जा रहा है, साल भर पहले सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ चले आन्दोलन को याद करना ज़रूरी है। किसान आन्दोलन की तरह ही उस आन्दोलन को भी बदनाम किया गया था, उसके ख़िलाफ़ भी सरकारी एजंसियों ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाए थे। दोनों आन्दोलनों में यह अंतर ज़रूर है कि पिछले साल के आन्दोलन को पुलिस ने बुरी तरह कुचल दिया था। किसान आन्दोलन के साथ अब तक ऐसा नहीं हुआ है।