प्रधानमंत्री मोदी के एक फ़ैसले से भारत के विकास के पटरी पर लौटने में अड़चन आना तय है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सड़क बनाने वाली सरकारी संस्था एनएचएआई यानी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से कहा है कि वह हाइवे निर्माण अब बंद कर दे। पिछले पाँच साल में एनएचएआई पर क़र्ज़ सात गुना बढ़ गया है और इसी को ध्यान में रखकर यह फ़ैसला लिया गया है। यानी साफ़ शब्दों में कहें तो देश की अर्थव्यवस्था की हालत तो ख़राब हुई ही है, जिन नेशनल हाइवे को भारत के विकास का मार्ग कहा जाता है वह भी बुरे दौर से गुज़र रहे हैं। माना जा रहा है कि हाइवे निर्माण के लिए पुरानी व्यवस्था अपनाई जाएगी जिसमें निजी डेवलपर्स को इसका ज़िम्मा सौंपा जाएगा।
क़र्ज़ में डूबा राजमार्ग प्राधिकरण, कैसे बनेगी 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था?
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- 31 Aug, 2019
प्रधानमंत्री मोदी के एक फ़ैसले से भारत के विकास के पटरी पर लौटने में अड़चन आना तय है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से कहा है कि वह हाइवे निर्माण अब बंद कर दे।

‘एनडीटीवी’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने 17 अगस्त को एक पत्र में एनएचएआई को लिखा, ‘राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सड़कों के अनियोजित और अत्यधिक विस्तार के कारण पूरी तरह से ठप्प पड़ गया है। एनएचएआई ज़मीन की लागत का कई गुना भुगतान के लिए बाध्य हुआ; इसकी निर्माण लागत काफ़ी बढ़ गई। सड़क का बुनियादी ढाँचा आर्थिक रूप से अलाभकारी हो गया है।’