प्रधानमंत्री मोदी के एक फ़ैसले से भारत के विकास के पटरी पर लौटने में अड़चन आना तय है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सड़क बनाने वाली सरकारी संस्था एनएचएआई यानी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से कहा है कि वह हाइवे निर्माण अब बंद कर दे। पिछले पाँच साल में एनएचएआई पर क़र्ज़ सात गुना बढ़ गया है और इसी को ध्यान में रखकर यह फ़ैसला लिया गया है। यानी साफ़ शब्दों में कहें तो देश की अर्थव्यवस्था की हालत तो ख़राब हुई ही है, जिन नेशनल हाइवे को भारत के विकास का मार्ग कहा जाता है वह भी बुरे दौर से गुज़र रहे हैं। माना जा रहा है कि हाइवे निर्माण के लिए पुरानी व्यवस्था अपनाई जाएगी जिसमें निजी डेवलपर्स को इसका ज़िम्मा सौंपा जाएगा।