गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जून के महीने में हुई खूनी झड़प के बाद से ही हिंदुस्तान का माहौल बेहद संवेदनशील है। इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। लोग चाहते हैं कि चीन को उसकी इस नापाक हरक़त का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए और भारतीय सेना मुस्तैदी से वतन के वास्ते अपने फर्ज को निभा भी रही है।
न्यूज़ चैनलों ने गलवान में चीनी सैनिकों के मारे जाने की झूठी ख़बर चलाई
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- 2 Sep, 2020
पैंगोंग त्सो, देपसांग और बाक़ी इलाक़ों में क्या सूरत-ए-हाल है, यह भारत का हर शख़्स जानना चाहता है। ऐसे वक्त में न्यूज़ चैनलों से यह उम्मीद की जाती है कि वे सही तसवीर को सामने रखेंगे।

पैंगोंग त्सो, देपसांग और बाक़ी इलाक़ों में क्या सूरत-ए-हाल है, यह भारत का हर शख़्स जानना चाहता है। ऐसे वक्त में न्यूज़ चैनलों से यह उम्मीद की जाती है कि वे सही तसवीर को सामने रखेंगे। लेकिन चैनल जब किसी दूसरे वीडियो या दूसरी तसवीरों को किसी और घटना का बताकर चलाएंगे तो पहले से ही ख़तरे के निशान से नीचे जा चुकी उनकी विश्वसनीयता हमेशा के लिए ख़त्म हो सकती है।