तीन आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता- BNS, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-BNSS और भारतीय साक्ष्य अधिनियम- BSA)) सोमवार 1 जुलाई से लागू हो रहे हैं। लेकिन अपराध के पुराने केसों में आईपीसी, सीआरपीसी लागू रहेगी। नए कानून गजट अधिसूचना लागू होने के बाद किए गए अपराधों में लागू होंगी। यानी हत्या के पुराने मामलों की सुनवाई आईपीसी की धारा 302 के तहत ही होगी लेकिन 1 जुलाई या उसके बाद हत्या का नया केस धारा 103 में दर्ज होगा। इसी तरह चोरी में 303 (1), हत्या के प्रयास में 309, जालसाजी में 420 की जगह 318, रेप की घटना में 376 की जगह 64, रंगदारी में 308, दहेज हत्या के लिए 80 धारा लगेगी।
आज से पुलिसराज और मजबूत, नए कानून में 15 की जगह 90 दिनों की हिरासत
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- 29 Mar, 2025
तीन नए आपराधिक कानून आज से प्रभावी हो गए। इन्हें भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) भारतीय दंड संहिता के नाम से जाना जाएगा। तीनों कानून 1860 में अंग्रेजों के समय बनाए गए आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान लेंगे।
