केंद्र सरकार ने संसद में बिना बहस कराए तीन नए आपराधिक कानूनों को पास करके लागू कर दिया। अब इसे लेकर देशभर में तमाम तरह की परेशानियों का सामना पुलिस को करना पड़ रहा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इन कानूनों की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाई है।
तीन नए आपराधिक कानून में तमाम कमियां अभी से नजर आने लगी हैं। नए बीएनएसएस कानून में नई व्यवस्था के तहत दर्ज होने वाली एफआईआर और आरोपी की सुनवाई से संबंधित निर्देश तो सुप्रीम कोर्ट के सामने हवा में उड़ जाएंगे। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने तो अलग निर्देश दे रखे हैं जो नई व्यवस्था के ठीक विपरीत हैं। जानिएः
तीन नए आपराधिक कानून आज से प्रभावी हो गए। इन्हें भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) भारतीय दंड संहिता के नाम से जाना जाएगा। तीनों कानून 1860 में अंग्रेजों के समय बनाए गए आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान लेंगे।
देश में 3 आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू होने जा रहे हैं। विपक्ष, नागरिक संगठन, कुछ पूर्व नौकरशाहों का समूह इन कानूनों का विरोध कर रहा है। लेकिन सरकार ने इसे लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। जानिए क्या है वो तैयारीः