आरोप पत्र में नामित लोगों में नीतीश कुमार और अमित आनंद भी शामिल हैं, जिनकी पहचान लीक के मुख्य सूत्रधार के रूप में की गई है। जिन चार अभ्यर्थियों को नाम है उनमें आयुष कुमार, अनुराग यादव, अभिषेक कुमार और शिवनंदन कुमार शामिल हैं। बिहार के दानापुर टाउन काउंसिल के जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेन्दु भी सूचीबद्ध हैं।आरोपों में आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश शामिल हैं।
सीबीआई की जांच में आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए फोरेंसिक तकनीक, आर्टिफिशल इंटेलीजेंस, सीसीटीवी फुटेज और स्थान विश्लेषण का इस्तेमाल किया गया, जिसे अदालत में पेश किया गया है। एजेंसी ने कहा है कि आगे की जांच जारी है, जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ेगा अतिरिक्त आरोपपत्र दाखिल होने की उम्मीद है।
सीबीआई ने इस घोटाले के सिलसिले में पहले ही 40 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें से 15 को बिहार पुलिस ने हिरासत में लिया है और 58 स्थानों पर तलाशी ली है। नीतीश कुमार, जो पहले बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा पेपर लीक में शामिल होने के आरोप में जेल गया था, बार-बार आरोपी के रूप में सामने आ रहा है। मुंगेर के मंगल बाजार के अमित आनंद ने सीबीआई के सामने स्वीकार किया कि 4 मई को NEET-UG का प्रश्नपत्र लीक हुआ था।
इस मामले के अन्य आरोपियों में आशुतोष कुमार और रोशन कुमार शामिल हैं, दोनों अमित आनंद से जुड़े थे, जिन्होंने लीक हुए प्रश्नों को खरीदने के लिए उम्मीदवारों को समझाने में भूमिका निभाई थी। दानापुर के अनुराग यादव ने कथित तौर पर पेपर लीक को सुविधाजनक बनाने के लिए "सेटरों" से संपर्क किया।
नीट पेपर लीक मामला तब सामने आया था जब 5 मई को पटना पुलिस ने केस दर्ज किया। इस केस को बाद में 23 जून को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। पहली चार्जशीट 38 दिनों के भीतर दायर की गई थी। आज तक, सीबीआई ने बिहार, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में पेपर लीक से लेकर प्रतिरूपण और धोखाधड़ी मामले में छह एफआईआर दर्ज की हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संदर्भ पर आधारित एक अन्य एफआईआर में NEET-UG 2024 अनियमितताओं की व्यापक जांच की मांग की गई है।
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