अनुच्छेद 370 में बदलाव किए लगभग डेढ़ माह का समय हो चुका है। इस दौरान केंद्र सरकार ने उन सभी लोगों को जम्मू-कश्मीर जाने से रोक दिया, जो वहाँ के हालात के बारे में जानना चाहते थे। 370 में बदलाव से पहले ही केंद्र सरकार ने वहाँ के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फ़ारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती को पहले नज़रबंद किया था और बाद में गिरफ़्तार कर लिया गया था। ये तीनों ही जम्मू-कश्मीर के बड़े नेता हैं और इनके इतने लंबे समय तक गिरफ़्तार करके रखने, राज्य में इंटरनेट और टेलीफ़ोन सेवाओं के बंद रहने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा।
अब्दुल्ला को एक कमरे में बंद कर क्या संदेश देना चाहती है सरकार?
- देश
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- 17 Sep, 2019
आख़िर केंद्र सरकार फ़ारूक अब्दुल्ला के प्रति इतनी कड़ी कार्रवाई कर क्या संदेश देना चाहती है।

अब्दुल्ला की रिहाई को लेकर एमडीएमके नेता वाइको ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट तक यह बात पहुँचना शायद केंद्र सरकार को बेहद नागवार गुज़रा है और उसने कोर्ट में सुनवाई से कुछ ही घंटे पहले फ़ारुक अब्दुल्ला पर और शिकंजा कसते हुए उन पर पब्लिक सेफ़्टी एक्ट (पीएसए) लगा दिया। वाइको और अब्दुल्ला पुराने दोस्त बताये जाते हैं।