उत्तराखंड पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में खुद को किरकिरी से बचाने के लिए कथित संत यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार तो किया लेकिन दूसरे मामले में। पुलिस उसे महिलाओं पर आपत्तिजनक बोलने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। जबकि नरसिंहानंद के खिलाफ हरिद्वार धर्म संसद में मुसलमानों के जनसंहार की धमकी देने का मामला सबसे बड़ा है। हालांकि पुलिस चाहे तो उसे इस मामले में भी गिरफ्तार दिखा सकती है या अदालत में पेश करते समय बता सकती है कि उसके खिलाफ एक और गंभीर मामला दर्ज है। उत्तराखंड पुलिस सूत्रों ने एक दिन बाद एनडीटीवी को बताया कि नरसिंहानंद को धर्म संसद या धार्मिक सभा में मुसलमानों के जनसंहार की धमकी के मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है।
एफआईआर में महिलाओं के अपमान के आरोपों के अलावा अभद्र भाषा के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले का संबंध हरिद्वार धर्म संसद से नहीं है।
17 से 20 दिसंबर तक आयोजित हरिद्वार कार्यक्रम की क्लिप्स को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया और पूर्व सैन्य प्रमुखों, सेवानिवृत्त जजों, कार्यकर्ताओं और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय टेनिस दिग्गज मार्टिना नवरातिलोवा ने भी तीखी आलोचना की।
जिन लोगों ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया और नफरती भाषण दिए, उनका कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
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