पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
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कल्पना सोरेन
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क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में विपक्ष पर हमला करते हुए एक बार फिर पद की मर्यादा और राजनीतिक गरिमा का उल्लंघन किया? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि उन्होंने खाद कारखाने का उद्गाटन करते हुए समाजवादी पार्टी को आतंकवादियों का समर्थक और ख़तरे की घंटी क़रार दिया। और यह काम यह बात उन्होंने आम सभा में हज़ारों लोगों की मौजूदगी में कही।
नरेंद्र मोदी ने कहा, "लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफिया को खुली छूट देने के लिए।"
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लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए। और इसलिए, याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानी ख़तरे की घंटी।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
आज पूरा यूपी भली-भांती जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है, आपकी दुख-तकलीफों से नहीं।
— PMO India (@PMOIndia) December 7, 2021
लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए: PM @narendramodi
मोदी ने जब लाल टोपी कहा, तो उनका मतलब समाजवादी पार्टी से था, जिसके कार्यकर्ता लाल टोपी लगाते हैं। शायद प्रधानमंत्री यह भूल गए कि आचार्य नरेंद्र द्रेव, जय प्रकाश नारायण और रामबृक्ष बेनीपुरी जैसे लोगों ने भी यह लाल टोपी पहनी थी और भारत में जनगण के आन्दोलन को नई दशा व दिशा दी थी।
प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार और उसके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। उन्होंने कहा, आज माफिया जेल में हैं और निवेशक दिल खोल कर यूपी में निवेश कर रहे हैं। यही डबल इंजन का डबल विकास है। इसलिए डबल इंजन की सरकार पर यूपी को विश्वास है।
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