आईएफएफआई के जूरी बोर्ड के सदस्य सुदीप्तो सेन ने इसके हेड नादव लापिड के बयान से किनारा कर लिया है और इसे पूरी तरह उनका व्यक्तिगत बयान बताया है। लापिड ने सोमवार को 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव यानी आईएफएफआई के समापन समारोह में द कश्मीर फाइल्स फिल्म को वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बताया था। उनके बयान के बाद सोशल मीडिया और टीवी पर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
द कश्मीर फाइल्स: जूरी बोर्ड ने लापिड के बयान से किया किनारा
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- 29 Nov, 2022
नादव लापिड के द्वारा द कश्मीर फाइल्स फिल्म को वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बताए जाने को लेकर जूरी बोर्ड के सदस्य सुदीप्तो सेन और भारत में इजरायल के राजदूत व फिल्म में अहम भूमिका निभाने वाले अनुपम खेर ने भी टिप्पणी की है।

बताना होगा कि 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर कुछ महीने पहले अच्छा-खासा विवाद हुआ था। कुछ राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने इस फिल्म के जरिए प्रोपेगेंडा चलाने की कोशिश की है। जबकि बीजेपी के कई नेताओं ने इस फिल्म का खुलेआम समर्थन किया था।