प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत ऐसे बच्चों की दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 4,000 रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर किसी को प्रोफ़ेशनल कोर्स और उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण की ज़रूरत होगी तो उसमें भी पीएम केयर्स मदद करेगा। इसके अलावा 18 से 23 वर्ष की आयु के लोगों को वजीफा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र में आठ साल पूरे करने को लेकर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान स्कूल जाने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति हस्तांतरित की गई। इसके साथ ही बच्चों के लिए पीएम केयर्स की पासबुक और आयुष्मान भारत के तहत एक स्वास्थ्य कार्ड भी दिया गया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी मौजूद थीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों के लिए पीएम केयर्स, आप सभी ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास है, जिनके माता और पिता, दोनों नहीं रहे। उन्होंने यह भी कहा कि यह इस बात का भी प्रतिबिंब है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है।
पीएम ने कहा, 'मैं जानता हूँ कोरोना की वजह से जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके जीवन में आया ये बदलाव कितना मुश्किल है। हर दिन का संघर्ष, हर दिन की तपस्या। आज जो बच्चे हमारे साथ हैं, जिनके लिए ये कार्यक्रम हो रहा है, उनकी तकलीफ शब्दों में कहना मुश्किल है।' बता दें कि पूरे देश में आधिकारिक तौर पर क़रीब सवा पाँच लाख मौतें हुई हैं, जबकि कई रिपोर्टों में अनुमान लगाया गया है कि क़रीब 47 लाख मौतें हुई होंगी। हालाँकि यह अभी साफ़ नहीं है जिसमें माता-पिता दोनों की कोरोना से मरने वालों की संख्या कितनी है।
PM-CARES for Children Scheme will support those who lost their parents to Covid-19 pandemic. https://t.co/p42sktb6xz
— Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2022
कार्यक्रम में पीएम केयर्स फंड को लेकर उन्होंने कहा, 'इस फंड ने कोरोनाकाल के दौरान अस्पताल तैयार करने में, वेंटिलेटर्स खरीदने में, ऑक्सिजन प्लांट्स लगाने में भी बहुत मदद की। इस वजह से कितने ही लोगों का जीवन बचाया जा सका, कितने ही परिवारों का भविष्य बचाया जा सका।'
प्रधानमंत्री ने कोरोना के दौरान दुनिया को मदद देने की बात कही। उन्होंने कहा,
“
हमने दुनिया भर के देशों को दवाइयाँ भेजीं, वैक्सीन भेजीं। अपने इतने बड़े देश में भी हम हर एक नागरिक तक वैक्सीन लेकर गए।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
उन्होंने अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि आज जब हमारी सरकार अपने 8 वर्ष पूरे कर रही है तो देश का आत्मविश्वास, देशवासियों का खुद पर भरोसा अभूतपूर्व है। उन्होंने दावा किया, 'भ्रष्टाचार, हजारों करोड़ के घोटाले, भाई-भतीजावाद, देशभर में फैल रहे आतंकी संगठन, क्षेत्रीय भेदभाव, जिस कुचक्र में देश 2014 से पहले फंसा हुआ था उससे बाहर निकल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'बीते आठ वर्षों में भारत ने जो ऊँचाई हासिल की है, वो पहले कोई सोच भी नहीं सकता था। आज दुनिया में भारत की आन-बान-शान बढ़ी है, वैश्विक मंचों पर हमारे भारत की ताकत बढ़ी है। और मुझे खुशी है कि भारत की इस यात्रा का नेतृत्व युवा शक्ति ही कर रही है।'
हालांकि, आलोचक मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले आठ सालों में अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब हुई है, बेरोजगारी बढ़ी है, लोकतंत्र कमजोर हुआ है, आदि। पिछले साल तीन कृषि क़ानूनों को वापस लिए जाने के बाद मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने से लेकर कृषि क्षेत्र में सुधार तक सभी क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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