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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अब से हर साल 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। देश की आज़ादी के 74 साल पूरे होने से एक दिन पहले मोदी ने कहा कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि नफ़रत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी।
मोदी ने कहा कि उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में ही हर साल 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का फ़ैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि #PartitionHorrorsRemembranceDay का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।
भारत के विभाजन के दौरान बड़े पैमाने पर लोग विस्थापित हो गए थे। लाखों लोग भारत से टूटकर बने पाकिस्तान चले गए तो लाखों लोग वहां से यहां भी आए। विभाजन की त्रासदी झेलने वाले लोग इस दर्द के बारे में कहते हैं कि उस दौरान हज़ारों लोगों का क़त्ल हुआ और लोग अपनी जान बचाने के लिए अपना घर, संपत्ति छोड़कर इधर से उधर चले गए।
मोदी ने साल 2020 में संसद में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम लिए बिना देश के विभाजन के लिए उन पर हमला बोला था। मोदी ने कहा था, 'प्रधानमंत्री बनने की किसी की इच्छा पूरी करने के लिए नक्शे पर एक रेखा खींच दी गई और भारत के दो टुकड़े कर दिए गए। विभाजन के बाद हिन्दुओ, सिखों और दूसरे अल्पसंख्यकों के साथ पाकिस्तान में अकल्पनीय उत्पीड़न हुआ।'
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