मामला क्या है?
बता दें कि कुनाल कामरा ने हवाई यात्रा के दौरान टेलीविज़न पत्रकार अर्णब गोस्वामी से उनकी इच्छा के विपरीत और उनके जवाब नहीं देने के बावजूद कुछ सवाल पूछे। इसके बाद एक के बाद एक चार हवाई कंपनियों ने 6 महीने तक हवाई यात्रा पर रोक लगाने का एलान किया।हरदीप पुरी का कहना है कि नियम क़ानून के परे जा कर कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘यदि इस तरह की असाधारण घटना होती है तो यह ज़रूरी है कि हम नियम के परे जा कर अपने वायु क्षेत्र को सुरक्षित रखें।’
Now its official. Country will not be run according to the constitution, rule of law has no meaning. Thanks @HardeepSPuri for enlightening us. pic.twitter.com/MTPWS6yonz
— ashutosh (@ashutosh83B) January 31, 2020
क्या कहते हैं नियम?
नियम के मुताबिक़ इस तरह की कोई घटना होने पर कप्तान की रिपोर्ट माँगी जाती है, उसकी जाँच होती है और उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकती है। नियम के अनुसार, हवाई कंपनी ख़राब व्यवहार के लिए 30 दिनों तक किसी की उड़ान पर रोक लगा सकती है, जाँच में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 3 महीने के लिए रोक लगाई जा सकती है।नागरिक विमानन निदेशालय के दिशा निर्देशों के मुताबिक़, कप्तान के रिपोर्ट करने के बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकती है, वर्ना नहीं। इस मामले में तो कप्तान ने कोई रिपोर्ट दी ही नहीं है। उन्होंने इसके उलट कहा कि रिपोर्ट करने लायक कुछ है ही नहीं।
कामरा को सज़ा
पर कुनाल कामरा के मामले में बग़ैर किसी जाँच के ही उन पर 6 महीने की रोक लगा दी गई। यह घटना इंडिगो एअरलान्स की उड़ान में हुई थी। लेकिन पहले उसने रोक लगाई। उसके बाद इंडियन एअरलाइन्स, स्पाइसजेट, गोएअर ने भी रोक लगाने का एलान कर दिया।साध्वी प्रज्ञा को सज़ा क्यों नहीं?
याद दिला दें कि भोपाल से बीजेपी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने व्हील चेअर पर दरवाजे के पास की सीट पर बैठने की जिद कर दी, जो हवाई यात्रा के लिए बेहद ख़तरनाक है। उन्हें बार-बार कहने पर वह इसके लिए तैयार नहीं हुईं कि व्हील चेअर पर किसी और सीट पर बैठ जाएँ।क़ानून के परे हैं मोदी के मंत्री?
सवाल यह उठता है कि कोई मंत्री खुले आम यह कैसे कह सकता है कि नियम क़ानून के परे जाकर काम करना चाहिए। पर मोदी सरकार के मंत्री इन दिनों इन्हीं कारणों से खबरों में हैं।मंत्री जी के बोल
- इसके पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोगों को गोली मारने के लिए भड़काया। एक जनसभा में उन्होंने कहा, ‘देश के गद्दारों को’, उनके समर्थकों ने जवाब दिया, ‘गोली मारो सालों को।’
- इसी तरह पिछली सरकार में मोदी सरकार की मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा था, 'आपको तय करना है कि आप किसे वोट देंगे, रामजादों को या हरामजादों को।' वह इसके बाद भी मंत्री बनी रहीं।
- इसी तरह पिछली सरकार में वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने हत्या के आरोप में जेल में बंद अभियुक्तों के ज़मानत पर छूटे पर उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया था। वह भी इसके बाद पद पर बने रहे।
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