वॉट्सऐप यूजर्स की जासूसी के मामले में असल बात क्या है, यह किसी के सामने नहीं आ पा रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मोदी सरकार और वॉट्सऐप के दावों में विरोधाभास है। अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में सूत्रों के हवाले से छपी एक ख़बर के मुताबिक़, केंद्र सरकार इस बात से नाराज़ है कि न तो वॉट्सऐप और न ही इसके स्वामित्व वाली कंपनी फ़ेसबुक ने उसे भारतीय यूजर्स की सुरक्षा में सेंध लगने के बारे में कोई जानकारी दी, जबकि गर्मियों के दौरान उसकी कंपनी के अधिकारियों के साथ कई बार बैठक हुई थी।
सरकार ने कहा, वॉट्सऐप ने नहीं दी थी सेंध की जानकारी, कंपनी बोली, बताया था
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- 2 Nov, 2019
केंद्र सरकार इस बात से नाराज़ है कि न तो वॉट्सऐप और न ही इसके स्वामित्व वाली कंपनी फ़ेसबुक ने उसे भारतीय यूजर्स की सुरक्षा में सेंध लगने के बारे में कोई जानकारी दी।

दूसरी ओर, वॉट्सऐप ने शुक्रवार को कहा है कि उसने भारत और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों को मई में ‘सुरक्षा से जुड़े मुद्दे’ को लेकर जानकारी दी थी। वॉट्सऐप का कहना है कि उसने इस मुद्दे को हल भी कर लिया था और जिन लोगों को निगरानी की गई, उन तक पहुंचने की कोशिश भी की थी।