तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने विपक्षी नेताओं से कहा है सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए सभी एकजुट हो जाएं। स्टालिन की ओर से एक पत्र कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और 36 अन्य नेताओं को लिखा गया है।
स्टालिन ने पत्र में लिखा है कि हमारी विविधता से भरी और बहु सांस्कृतिक सभ्यता कट्टरता और धार्मिक नेतृत्व के कारण खतरे में है।
स्टालिन ने कहा है कि ऐसी ताकतों से तभी लड़ा जा सकता है जब समानता और सामाजिक न्याय में भरोसा रखने वाले लोग एकजुट हों।
उन्होंने लिखा है कि अब इकट्ठा होने का वक्त आ गया है। स्टालिन ने पत्र में लिखा है कि हमें उसी दृढ़ संकल्प और उद्देश्य के साथ एकजुट होना होगा, जैसा हमने मंडल आयोग की स्थापना के दौरान किया था।
गणतंत्र दिवस वाले दिन डीएमके के प्रमुख स्टालिन ने एलान किया था कि वह ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस बनाएंगे। उन्होंने कहा था कि इस फेडरेशन में सभी राज्यों से वंचित वर्गों के नेताओं को शामिल किया जाएगा।
स्टालिन ने पत्र में कहा है कि सामाजिक न्याय का रास्ता 1 दिन में नहीं बनता बल्कि इसमें कई दशक लग जाते हैं और खून पसीना भी बहाना पड़ता है। उन्होंने डॉ. नटेसनार, डॉ. टीएम नायर, सर. पी थियागरयार, एटी पनीरसेल्वम और पनागल अरसार के नामों का भी जिक्र किया है।
उन्होंने कहा कि वे इस बात से बेहद खुश हैं कि द्रविड़ियन आंदोलन के दौरान बोये गए सामाजिक न्याय के बीज अब पूरे देश में अंकुरित हो चुके हैं।
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