भारतीय वायुसेना का मिग-21 लड़ाकू विमान आज सुबह राजस्थान के हनुमानगढ़ के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान ने सूरतगढ़ से उड़ान भरी थी। पायलट सुरक्षित है। , दो ग्रामीणों की मौत pic.twitter.com/xT80Fe9dNc
— Vijay Singh (@VijaySingh1254) May 8, 2023
A MiG-21 aircraft of the IAF crashed near Suratgarh during a routine training sortie today morning. The pilot ejected safely, sustaining minor injuries.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 8, 2023
An inquiry has been constituted to ascertain the cause of the accident.
क्यों गिर रहे हैं मिग 21
पिछले एक साल में वायुसेना के मिग 21 विमान गिरने की यह सातवीं घटना है। अक्टूबर 2022 में जो पिछल हादसा हुआ था, उसमें वायुसेना के दो पायलटों की मौत हो गई थी।ऐसा नहीं है कि सिर्फ मिग-21 ही हादसे का शिकार हो रहा है। लेकिन इसकी तादाद ज्यादा है। एक आंकड़े के मुताबिक 2021 में 11 भारतीय सैन्य विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए, जिनमें से पांच मिग -21 थे। मिग 21 सैन्य क्षेत्रों में अपनी क्रैश फ्रीक्वेंसी की वजह से वर्षों से 'फ्लाइंग कॉफिन' और 'विडो मेकर' के उपनाम हासिल किए हैं।
हादसे की अलग-अलग वजहें
हर विमान हादसे की अलग से जांच की जाती है और उनमें से कई की वजहें अजीबोगरीब होती हैं। द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अतीत में विमान हादसों को मोटे तौर पर तकनीकी खराबी, मानवीय गलती और पक्षी से टकराने की वजह बताया जाता रहा है।इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह बात प्रमुखता से बताई गई है कि जब भी लड़ाकू विमानों के हादसे की बात आती है तो मिग-21 सबसे आगे होता है क्योंकि यह भारतीय वायुसेना में सबसे पुराना सेवारत विमान है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट बताती है कि मिग-21 चूंकि इतने वर्षों से है तो जाहिर है कि उनके हादसों की संख्या भी अधिक है। वायुसेना में सबसे ज्यादा इस्तेमाल इसी विमान का होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारत में दुर्घटना दर अधिक है।
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